जशपुरनगर : वित्त निर्देश में राज्य के सभी कोषालयों में 01 जुलाई 2024 से देयकों का प्रस्तुतीकरण सिर्फ ऑनलाईन माध्यम से किये जाने का निर्देश जारी किया गया है। सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा ई-कोष सॉफ्टवेयर में ई-पेरोल तथा ई-बिल मॉड्यूल में ऑनलाईन माध्यम से देयक तैयार कर तथा डीएससी का उपयोग करने बाद देयकों को कोषालय हेतु अग्रेषित करेंगे तथा ई- पेरोल में सिस्टम से जनरेटेड होने वाले शेड्यूल में प्रत्येक में डीएससी तथा ई-बिल में एक डीएससी आवश्यक होगा। यदि पे-बिल के साथ कोई डॉक्यूमेंट अपलोड किया जाना है, तो साइड डाक्यूमेंट पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड किया जाएगा, जिसमें डीएससी आवश्यक नहीं होगा। इस प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन हेतु यह आवश्यक है कि सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के पास नेटवर्क की सही स्पीड, देयकों के साथ अपलोड किये जाने वाले दस्तावेज की स्कैनिंग करने हेतु समुचित क्षमता वाला स्कैनर तथा अन्य आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री उपलब्ध हो तथा साथ ही वैध डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। इस संबंध में ऑनलाइन देयकों के प्रस्तुतीकरण तथा निराकरण की प्रक्रिया का एसओपी पत्र के साथ संलग्न है। देयकों को तैयार करने के लिए मेकर बिल क्लर्क स्तर पर चेकर डीडीओ स्तर रखा गया है, जिसमें मेकर (बिल क्लर्क) द्वारा देयक तैयार कर चेक लिस्ट का परीक्षण किया जाएगा तथा चेकर (डीडीओ) द्वारा बीटीआर नं. बिल का परीक्षण तथा डीएससी किया जाएगा। कोषालय अधिकारी द्वारा संबंधित डीडीओ के लिए ऑनलाइन बीटीआर नंबर जारी किया जाएगा। इसी नंबर अनुसार देयक कोषालय में अग्रेषित किए जायेंगे। सभी डीडीओ द्वारा ऑनलाईन देयक की एक हार्डकोपी निकालकर कार्यालय स्तर पर संधारित की जाएगी।
सिस्टम में किया जाएगा दस्तावेज अपलोड
ई-पेरोल के अलावा अन्य सभी देयकों के लिए देयक में एक डीएससी तथा सभी संलग्नक उप प्रमाणक को स्कैनिंग कर अपलोड किया जाना होगा। इसमें डीएससी अनिवार्य नहीं होगा। यदि एक फाइल का साईज 15 एमबी से अधिक है तो फाइल साइज को कम्प्रेस कर अपलोड किया जाना होगा, कम्प्रेस करने हेतु ऑनलाईन उपलब्ध किसी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है अथवा देयकों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। सभी अटेचमेंट पीडीएफ फार्मेट में ही अपलोड किया जाना आवश्यक होगा।