बैकुण्ठपुर में भू-माफियों द्वारा पूरे प्रशासन पर हावी। इस संबंध में वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक ने फोन पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया। और इस संबंध में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल जी को भी अवगत कराया गया। परंतु बैकुण्ठपुर के प्रशासन पर कोई असर नहीं। जानकार सूत्र बताते है कि, पटवारी बालमिक मिश्रा का आज बैकुण्ठपुर में लगभग तीन करोड का आसामी है। इनका मकान देखा जाए तो लगभग आठ करोड़ से नीचे का नहीं है। हाल ही में उनके चमचों द्वारा वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक को धमकी दिया। इसमें सरकारी कर्मचारी भी संलिप्त है। समाचार के प्रकाशन को लेकर बालमिक मिश्रा के आसामाजिक तत्वों द्वारा संपादक को जान से मारने की धमकी दी। बताया जाता है कि, पटवारी का लड़का बैकुण्ठपुर का सबसे बड़ा भू-माफिया होने के कारण उस परिवार का पूरे प्रशासन पर दबाव है। यहां तक कि, प्रशासन भी ऐसे भ्रष्ट लोगों को संरक्षण क्यों दे रहा है ? श्रीमान् आयुक्त संभाग अम्बिकापुर वशिष्ठ टाइम्स समाचार व शिकायत को लेकर बैकुण्ठपुर एस.डी.एम. को भी सलाह दिया गया है। व बैकुण्ठपुर तहसीलदार महोदया जी को सरगुजा संभाग के आयुक्त द्वारा लगभग 45 वर्ष पूराने मकान को धराशाही होने से बचाने के लिए दिनांक 13/06/2024 को आदेश दिया गया कि, आवेदक का पूराना मकान सुखाचार अधिनियम धारा-4 के अन्तर्गत मामला दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाऐ। परंतु 13/06/2024 के आदेश की कार्यवाही आज तक नही हो पायी। यह सभी बाते संदेह के दायरे में आते है। बैकुण्ठपुर की पूरी बस्ती जानती है कि, आवेदक के घर का बरसात का पानी गिरता चला आ रहा है। अब उसमें किन्तु, परंतु व जांच को लेकर संदेह के दायरे में लटकाया जा रहा है। जब वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक के ऊपर बैकुण्ठपुर प्रशासन सच्चाई को लेकर पद का दूरूपयोग कर रहे है। तो क्या मकान बरसात के पानी से ढह जाने के बाद तहसीलदार कार्यवाही करेंगी ? क्योंकि शासन की प्रक्रिया है कि, प्रताड़ित शिकायत करता रहे। पर उसके मर्डर हो जाने बाद ही शासन मरने वाले का पंचनामा करने पहुंचती है। वहीं मिशाल संपादक के ऊपर लागू हो रहा है। अब यह देखना है कि, मकान बरसात के पानी से ढह जाने के बाद कार्यवाही होती है या उससे पहले। अगर बरसात के पानी से आवेदक का मकान ढह गया और लाखों का नुकसान होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।