रायपुर : बिना पढ़ा-लिखा ससुर, पढ़ा-लिखा दमाद और दूनिया को गुमराह करने वाले पत्रकार साला एवं पूरा परिवार शासकीय विभाग को गुमराह कर रहे है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक को अवगत करा दिया गया है कि, बी.एस. भगत प्रभारी डी.एफ.ओ. के जमाने में मनीष पटेल ने वन विभाग सूरजपुर के वन प्राणी के हेड से लाखों रूपये अपने परिवार के नाम से ट्रांसफर किये है। उसके उपरांत उस व्यक्ति ने वनमण्डल सूरजपुर कार्यालय में जाना छोड़ दिया। और किसके आदेश पर मनीष पटेल को वन विभाग मनेन्द्रगढ़ में रखा गया ? बताया जाता है कि, मनीष पटेल का साला बैकुण्ठपुर वन विभाग से घर बैठे पैसा प्राप्त कर रहा है। यह किसके आर्शीवाद से वन विभाग को लूट रहा है ?
वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक से प्रधान मुख्य वन संरक्षक से बात हुई। उनके द्वारा मौखिक रूप से कहा गया कि, इस संबंध में रिपोर्ट व कार्यवाही होगी। आज लगभग एक सप्ताह हो गये है परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही न होना संदेह के दायरे में आता है। जबकि मनीष पटेल का साला सोमेस पटेल द्वारा बहुत बड़े-बड़े कारनामे कर चुका है।
बताया जाता है कि, पूर्व में एक आदिवासी टीचर से ‘‘द मने दारू, प मने पीओ’’ का फर्जी वीडियो बनाकर चलाया गया। जिसमें पांच हजार रूपये मांग की गयी थी। जिसके खिलाफ पटना थाने में एफ.आई.आर. दर्ज हुआ था। जिसकी हाई कोर्ट से एक मंत्री महोदय जी के आशीर्वाद से जमानत कराकर उस मामले को रफा-दफा कराया गया। देखा जाये तो आज-कल ऐसे ही वसूली करने वाले पत्रकार पैदा हो गये है जिसके पास खाने के पैसे नहीं रहते थे आज वहीं करोड़ो के आसामी बन चुके है।
जानकार सूत्र बताते है कि, सोमेस पटेल द्वारा सभी चैंनलों के माध्यम से अधिकारियों को ठगा गया। अब लास्ट में दूरदर्शन चैंनल के नाम पर ठगने में महारथी हासिल कर ली है। छत्तीसगढ़ में ऐसे दूरदर्शन के चैंनल वाले एक नहीं सैंकड़ो लाभ उठा रहे है। अब देखना यह है कि, दूरदर्शन चैनल वालों की कब तक कृपा बरसती रहेगी और कब तक ठगी चलती रहेगी। देखना यह भी है कि, मनीष पटेल वन विभाग के पैसे के गमन का मामला प्रधान मुख्य वन संरक्षक दबाव में कब तक कार्यवाही नहीं करेंगे ? जब तक कार्यवाही नहीं होगी तब तक समाचार प्रकाशित होता रहेगा। ऐसा न हो प्रधान मुख्य वन संरक्षक भी सवालिया निशाना न बन जाऐ।