बैकुण्ठपुर मुख्यालय में सोमेस पटेल पिता स्वामीनाथ पटेल लगभग पंद्रह-बीस सालों से रीवा से आए हुए है। जानकार सूत्र बताते है कि, सोमेस पटेल के द्वारा एक भी चैंनल नहीं छोड़ा, जिसके माध्यम से अधिकारियों को लूटा न हो। अभी हाल ही में दूरदर्शन जो कि शासकीय चैंनल है उसको भी अछूता नहीं छोड़ा।
कुछ लोगों का कहना है कि, एक व्यक्ति रीवा से आया हुआ है और वह दूरदर्शन छत्तीसगढ़ का हेड है वह हेड क्षेत्रबाग निभा रहा है और चैंनल के नाम पर अवैध वसूली करा रहा है। क्योंकि जब ये सभी रीवा में निवासरत् थे तब इनके पास न कोई सम्पत्ति थी न कोई व्यापार। आज बैकुण्ठपुर और रायपुर में लगभग दस-पंद्रह जमीनों की प्लाट है और मकान भी है जबकि इनका न कोई बिजनेस है और न कोई व्यापार। परंतु आय से ज्यादा करोड़ो की प्लाट व सम्पत्ति कहां से आयी ? इससे प्रतीत होता है कि, ये चैंनल के नाम पर अवैध वसूल करता आ रहा है। जिससे आज इनकी शान-शौकत में कोई कमी नहीं है।
जानकार सूत्र बताते है कि, ये जल संसाधन विभाग में फर्जी बिल लगाकर पैसा निकालने का काम करता है। यहां तक की वन विभाग के प्रधान मुख्य वन रक्षक को चैंनल के दबाव में रखकर अपने बहनोई मनीष पटेल को नौकरी दिलवाया है। जो कि वन विभाग सूरजपुर में लाखों का गमन किया है। अब मनेन्द्रगढ़ वन विभाग में कार्य कर रहा है। दूसरी तरफ उनका भाई जो कि वन मण्डलाधिकारी के यहां चैकीदार की पोस्टिंग में है परंतु बाबू का कार्य कर रहा है। जबकि उसकी पोस्टिंक चैकीदार के आधार पर हुआ है। यह जांच का विषय है कि, मनीष पटेल ने लाखों रूपये सूरजपुर में रहकर किस हेड से अपनी घरवाली के खाते में पैसा डाला और वन विभाग के द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं किया गया ?
जानकार सूत्र बताते है कि, आज उसका बंगला व गार्डन करोड़ो का बना हुआ है। जिसका एक-एक पौधा की किमत दो हजार रूपये बताया जाता है। आय से ज्यादा सम्पत्ति कहां से आयी, क्या परिवार में कोई अवैध कारोबार है ?
अभी जानकार सूत्र बता रहे है कि, पटेल मनरेगा के लेबरों से अपने घरों का कार्य करवा रहा है और उसका भुगतान सरकार से कराया जा रहा है।