जशपुर एवं पत्थलगांव के लोक निर्माण ई. द्वारा ठेकेदारों से दबाव बनाकर 8 प्रतिशत कमिशन मांगा जाता है। और हमेशा जशपुर एवं पत्थलगांव के ई. अपने आॅफिस में नदारद रहे है। लोक निर्माण कार्यालय बाबूओं के इशारे पर चल रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, निर्माण कार्य चल रही है उन पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदारों द्वारा अपने मनमुताबिक कार्य कर रहे है। उन्हें भी देखने नहीं जाते। बताया जाता है कि, जब तक लोक निर्माण ई. को 8 प्रतिशत कमिशन नहीं मिलता तब तक ठेकोदारों को बिल के लिए चक्कर लगवाते है।
लोगों में चर्चा है कि, गर्मी के समय में ई. अपने घरों में बैठकर एसी. का आनंद लेते रहते है। उनको इससे कोई मतलब नहीं कि काम कैसा हो रहा है या नहीं हो रहा है ? यह जांच का विषय है कि, ई. साहब अपने आॅफिस में नदारद रहते है तो उनके आॅफिस में उपस्थित कैसे दर्शाया जा रहा है ? जानकार सूत्र बताते है कि, ई. साहब गर्मी के समय में अपने परिवार को लेकर भ्रमण करते रहते है। वहीं अपने कार्यालय से छुट्टी भी नहीं लेते है परंतु कार्यालय से नदारद रहकर शान-शौकत का आनंद लेते रहते है। ऐसे अधिकारियों को जशपुर कलेक्टर जांच करें। बताया जाता है कि, जशपुर कलेक्टर द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है कि, कौन अधिकारी आया और कौन नहीं। ऐसे बहुत से अधिकारी है जो कि टी.एल. मीटिंग में उपस्थित नहीं रहते है। जबकि नियमानुसार टी.एल. मीटिंग में हर अधिकारी को उपस्थिति होना अनिवार्य है। कलेक्टरों को राज्य शासन में टी.एल. मीटिंग में आने वाले अधिकारियों की सूची बनवानी चाहिए। और मीटिंग में क्या कार्य हुआ और क्या कार्य नहीं हुआ, इस पर हर सप्ताह की रिपोर्ट जनता को देनी चाहिए।