हरदा हादसे को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कार्यवाही शुरू होने से पहले हरदा विधायक आरके दोगने बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। उन्होंने कहा कि चार लाख रुपये मुआवजे और कलेक्टर-एसपी को हटाने से कुछ नहीं होगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि, जब दोगने को सुरक्षाकर्मियों ने सदन में घुसने से रोका तो वह कहने लगे कि कागज की माला है। बम नहीं है। दरअसल, उन्होंने जो माला पहनी थी, वह सुतली बम जैसी दिख रही थी, लेकिन उसमें बारूद नहीं था। उधर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि अधिकारियों को हटाने से कुछ नहीं होता। सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए। बीजेपी सरकार और पूर्व मंत्री कमल पटेल पर कई आरोप लगाए। दोगने ने कहा कि हरदा की अवैध पटाखा फैक्टरी भाजपा नेताओं के संरक्षण में चल रही थी। इसमें कई लोगों के जीवन तबाह हो गए। इसे लेकर सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी। मुआवजे की राशि बढ़ाना चाहिए थी। इसके साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए थी। दोगने ने कहा कि शासन ने सही तरीके से जांच नहीं की है। कार्रवाई नहीं की थी। यह सब शासन के संरक्षण में चल रहा था। इस वजह से मृतकों को अधिक मुआवजा मिलना चाहिए। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि आप हरदा के विधायक हैं, आपने इस पर कभी विरोध नहीं जताया तो उन्होंने कहा कि मैं अभी 2 महीने से विधायक हूं। इसके पहले कमल पटेल वहां के विधायक थे। मंत्री थे। उन्होंने कुछ नहीं किया। संरक्षण वह दे रहे थे और अब इल्जाम मुझ पर लगा रहे हैं। इस पर कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि रामकिशोर दोगने की हरकत अशोभनीय है। विधायक ने सदन की मर्यादा के विपरीत जाकर काम किया है। राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि पूर्व मंत्री कमल पटेल ने पहले ही दोगने पर आरोप लगाए हैं। उनके संरक्षण में ही फैक्टरी चल रही थी। दोगने वहां से विधायक है। उन्होंने ही फैक्टरी संचालकों को संरक्षण दे रखा था। सबसे तीखा हमला रामेश्वर शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो वैसे ही बम की माला पहनकर घूम रही है। कांग्रेस बम, आतंकवाद की जड़ है। कांग्रेस तमाशा न करें। मानवीय आधार पर सरकार की कार्रवाई में सहयोग करें। बम की माला पहनना लोकतंत्र के जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता।