प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मगरों का डेरा
जिला कोरिया बैकुण्ठपुर मुख्यालय में प्रधानमंत्री सड़क योजना कार्यालय में एस.डी.ओ नरेश गुप्ता, एस.डी.ओ स्वर्णकार एवं उपयंत्री शेषमणी पटेल पदस्थ हैं, इनके द्वारा सड़को का कार्य ऐसा करावाया गया की जनकपुर की सड़कें एवं कटगोड़ी के पास के गांव के सड़को में दरार पड़ चुकी हैं, और सड़कों के किनारे-किनार मुरूमी करण भी नहीं हुआ है, जिसके कारण पुरी सड़क धंस गई है और ग्रामीणों का कहना है की कार्य होने से पहले अधिकारियों ने सड़क का कार्य हो गया बताकर पैसा निकाल लिया, और सड़क की मरम्मत कर दी गई, इनका आने जाने का खर्चा लाॅकबुक में देखा जाए तो इन्होने अपनी निजी गाड़ी में तेल डलवाकर इस्तमाल करते थे, नरेश गुप्ता ने अपनी पत्नी के नाम की गाड़ी को अपने विभाग में लगा दिया जिसका चेक उनके पत्नी के नाम कटता था, इसी प्रकार स्वर्णकार ने सड़क का ठेका दुसरे के नाम पर लेकर खड़गवां ब्लाक में स्वयं कार्य कराया और शेषमणी पटेल संविदा उपयंत्री जो की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे और साथ में नगर पालिका परिषद बैकुण्ठपुर में दुकान, नाली, रोड के निमार्ण का कार्य भी करते थे उनके द्वारा जितने भी निर्माण कराए गए सभी घटिया किस्म के हैं, जिसका प्रमाण है बस स्टैण्ड की दुकानें बरसात में चुता हैं, जितने भी रोड बनाए गए हैं सब तीन महीने में खतम हो गए हैं, और नालीयों के ढक्कन भी टुट गए हैं, अनुमान यह लगाया जाता है की नगर पालिका परिषद से पाँच करोड़ रूपये का दोहन किया गया है, इसी प्रकार से सड़कों में भी इनके कमीशन का शेयर रहा, नरेश गुप्ता सेवानिवृत होने के पश्चात भी विभाग का पिछा नहीं छोड़ रहे हैं, लोग उनसे पुछते हैं की कितना पैसा देकर संविदा में आए तो उनके द्वारा कहा जाता है की मैं जुगाड़ से आया हूँ, फिर अंतिम में बताते हैं की मेरा भाई मुकेश गुप्ता पुलिस में डी.जी.पी क्राईम में हैं उनके सोर्स में काम हो गया, उनके द्वारा विभाग से लुटे हुए धन से करोड़ो का मकान निर्माण कराया गया जिसमें बैंक का लोन, नाम मात्र का है, अभी हाल में ही उनके द्वारा बैकुण्ठपुर में 32 लाख का मकान खरीदा गया है, जाँच का विषय है की इन तीनों अधिकारीयों के पास पैसा आया कहाँ से।