फूल पावर में, पुलिस अधिक्षिका का वर्दी का रूतबा
बीते कुछ दिनों पहले वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द शर्मा के उपर खनिज माफियों के द्वारा प्राणघातक हमला किया गया, जिसका अपराधियों के खिलाफ सरगंवा थाना में रिर्पोट एवं नाम दर्ज कराया गया। उस मामले को लेकर अभी तक कोई कार्यवाई नहीं की गई है, पुलिस प्रशासन इस मामले को छोटा समझकर अंदेखा कर रही है, इससे यह साबित होता है की पुलिस प्रशासन खनिज माफियों से लिम्त है, इस प्रकार चोर और पुलिस लिप्त रही तो आगे किसी की जान भी जा सकती है, और अपराधियों के हौसले बुलंद रहेंगे, जिसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा, गोविन्द शर्मा के उपर प्राणघातक हमले को लेकर वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक के द्वारा पुलिस की लापरवाही करने के संबंध में पुलिस अधिक्षिका पारूल माथुर जो इस समय मुंगेली जिला में कार्यरत हैं, संपादक ने अपने मोबाइल के द्वारा उस हमले के विषय को लेकर अधिक्षिका से पुछा की कार्यवाही हो रहा है की बंद कर दिया गया, जिसमें पुलिस अधिक्षिका के द्वारा कहा गया की हमको कुछ नहीं पता ऐसा कहकर फोन काट दिया गया, क्या एक जिम्मेदार व्यक्ति को इस तरह का जवाब देना चाहिए, जब की जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते, कोई भी व्यक्ति थाना की लापरवाही की शिकायत पुलिस विभाग की अधिकारी को ही करता है या जानकारी देता है, जब की पुलिस अधिक्षिका जिले की पुलिस विभाग की अधिकारी हैं, वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र सम्पुर्ण भारत में चलता हैं इसी के संपादक के द्वारा उक्त विषयों की जानकारी पुलिस महा निर्देक ए.एन उपाध्याय को देकर अवगत कराया गया, की आपके अधिनिष्त अधिकारी संपादक से बात करने को क्यों कतरातीं हैं, जो सच्चाई बात है उसको पुछने के बाद उनको संतोष जनक बात या कार्यवाही करने की बात को बताना चाहीए, गोविन्द शर्मा के उपर किए गए प्राणघातक हमलावरों को लेकर छत्तीसगढ़ के बाहर भारतीय प्रेस परिषद को अवगत कराना होगा की पुलिस की लापरवाही से पत्रकारों पर हमला हो रहा है, और 1984 राज्यशासन की आदेश का पुलिस द्वारा धज्जियाँ उड़ाया जा रहा है, इसकी शिकायत पुलिस महा निर्देक को किया गया है, इसके साथ साथ मुंगेली के पुलिस विभाग के कृत्यों की जानकारी भी दिया गया है।