नेता हुए भ्रष्ट कारण बनी जनता
भारत देश की पुरी जनता लोभ में है, चुनाव के इस दौर में जनता नेताओं के घर में जाकर पैसों की मांग कर रही है और नेता वोट के लालच में पैसों का जोरों से वितरण कर रहे हैं, अगर देखा जाए तो अपने जनप्रतिनिधि को भ्रष्ट बनाने में मुख्य रूप से जनता का ही हाथ होता है, हर जगह की जनता का लालच एवं मांग यही होता है की बस हमें कोई प्रत्याशी मिले और पैसा दे जिससे हम दारू मूर्गा खाएं और यश करें, अपने आगे की भविष्य को कोई नहीं सोंचता की हम एक अच्छे जनप्रतिनिधि का चयन करें, यही कारण था की कोरिया के युग पुरूष ने जीतने के बाद भी राजनीति छोड़ दिया, जिस जनता के लिए उन्होने अपनी पुरी जिन्दगी खपा दी उसी जनता ने उन्हे लालच के भवना से देखा, आजकल के नेता विकाश करने के लिए राजनीति नहीं करते पैसे कमाने के लिए राजनीति करते हैं, अगर जनता ऐसे जा जाकर नेताओं से पैसे न मांगती और ऐसे नेता का विरोध करती तो भारत का कोई भी नेता भ्रष्टाचारी नहीं होता, जनता लालच के दृष्टी से नहीं विकास की दृष्टी से अपने जनप्रतिनिधि का चयन करे और भ्रष्टाचारी नेताओं का विरोध करे।