रवि शर्मा सोनहत…….
जनकपुर(कुदरपा)– संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से लगे गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अंदर बसा है गाँव कुदरपा, जिस अभी नवीन ग्रामपंचायत का दर्जा हासिल हुआ है और नवीन ग्रामपंचायत भवन का निर्माण प्रगति पर है लेकिन एक भी प्रधानमंत्री अटल आवास योजना के तहत एक भी मकान स्वीकृत नहीं है कारण जानकर आपको भी हैरानी होगी गाँव वालों का कहना है कि पार्क परिक्षेत्र के अंदर होने के कारण अधिकारियों ने अटल आवास पर रोक लगवा दिया है और गाँव विस्थापित होगा ऐसा कहा जा रहा है इस बारे में रेन्जर नोखेलाल यादव का कहना है कि ग्राम के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है और प्रति परिवार दस लाख रुपए देने की योजना चल रही है इसीलिए अटल आवास योजना पर रोक लगी है अब सवाल यह है कि जब ग्राम विस्थापित होना है तो नवीन ग्रामपंचायत भवन का निर्माण बीस लाख रुपए की लागत से क्यों किया जा रहा है।
सड़क स्वास्थ्य के बिना गाँव भगवान भरोसे– ग्राम पंचायत तक पहुँचने के लिए लगभग बीस से पच्चीस किलोमीटर का सफर अत्यंत जोखिम भरा है पार्क परिक्षेत्र होने के कारण सड़क नहीं बनी है और गाँव तक जाने के लिए दुर्गम उबड़ खाबड़ पहाड़ी रास्तों से जाना पड़ता है इसलिए गाँव में जब कोई बीमार पड़ जाता है या किसी की महिला की डिलिवरी का समय आता है तो मरीज़ को खुद अस्पताल तक जाना पड़ता है न ही सरकारी वाहन पहुँचते हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मी हर कोई सड़क का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है ऐसे में यहां के ग्रामीण कहाँ जाए क्या इनका यही दोष है कि ये घने जंगलों के बीच बसे हैं तो फिर चुनाव के समय सभी राजनैतिक दल कैसे पहुंच जाते है और विकास के तमाम वादे करते हैं समझ से परे है।
शिक्षा से कोसों दूर हैं बच्चे- ग्राम में एक भी स्कूल नहीं होने के कारण गाँव के लगभग पचास साठ बच्चे पढाई से महरूम हैं पिछले दिनों मीडिया में खबर चलने के बाद तमाम जिम्मेदारों ने जल्द स्कूल खुलवाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है और बच्चे दिनभर गाँव में घूमकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं पालकों का कहना है कि हमारी आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है हम गाँव के बाहर नहीं भेज सकते क्योंकि स्कूल पच्चीस किलोमीटर दूर है और जंगली रास्तों के कारण जानवरों का खतरा बना रहता है ऐसा नहीं है प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की पढ़ाई के लिए शासन ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था की है।
नहीं मिलती वृद्धापेंशन– ग्राम में लगभग आठ से दस वृद्ध महिला पुरूष हैं जिसमें से कुछ तो अस्सी से नब्बे वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं लेकिन आज तक किसी वृद्ध को वृद्धापेंशन योजना का लाभ भी नहीं मिला है गाँव के नब्बे वर्षीय वृद्ध ने बताया कि हर साल सरपंच सचिव लिख कर ले जाते हैं लेकिन आज तक कोई लाभ नहीं मिला मैंने तो पाँच सौ रुपये घूंस भी दी पर फिर भी आज तक योजना के लाभ से महरूम हूँ।