इंदौर। बॉम्बे हॉस्पिटल में नेपानगर से इलाज के लिए लाई गई महिला की मौत के बाद उसके अंगदान का प्रयास सफल नहीं हुआ। हालांकि, महिला के स्वजन अंगदान को तैयार थे और उन्होंने इसकी सहमति भी दे दी थी। इसके बावजूद अंगदान संभव नहीं हो सका, क्योंकि महिला की पहली रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव और दूसरी निगेटिव थी और गाइडलाइन के अनुसार वह 29 दिन का समय पूरा नहीं कर पाई थी।मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने बताया कि 32 वर्षीय मैकेले वैज नाम की महिला को ब्रेन हेमरेज के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था और परिवार वालों के अनुसार महिला की ब्रेन स्टेम डेथ हुई। मृतक महिला के स्वजनों ने संस्था से अंगदान के लिए संपर्क किया था। इस संबंध में उन्होंने महिला का इलाज कर रहे डॉक्टर से मार्गदर्शन लिया और शरीर की जांच की। महिला के अंग भी अंगदान के लिए उपयुक्त थे। उक्त महिला छह दिसंबर को इलाज के लिए भर्ती हुई थी और उनकी पहली रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। यद्यपि, हाल ही में 17 दिसंबर को दोबारा कराए गए कोविड टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
जीतू बगानी ने बताया कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के अंगदान या रक्तदान से पहले 29 दिन का समय गुजरना जरूरी है, ताकि शरीर में कहीं वायरस बचा न रह जाए। मृतक महिला की इस अवधि से पहले ही मौत हो गई, इसलिए अंगदान संभव नहीं हुआ और प्रयास स्थगित कर दिया गया। बाद में शव स्वजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया। इस संबंध में संस्था की सूचना के आधार पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और इंदौर सोसायटी फॉर आर्गन डोनेशन के सचिव डॉ. संजय दीक्षित के अलावा डॉ. अमित जोशी ने भी पूरा सहयोग किया।