मुरैना। रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भीख मांगते पकड़े गए तीन नाबालिगों को चाइल्ड लाइन की टीम ने पकड़कर बालगृह भेज दिया। अब इन तीन बच्चों को बालगृह से मुक्त कराने के लिए बीते आठ दिन से इनके स्वजन कभी बालगृह तो कभी कलेक्टोरेट के चक्कर काट रही हैं।
मुरैना के वनखंडी रोड पर रहने वाले घुमंतू परिवारों के तीन बच्चे 11 साल का अहसान पुत्र रामलाल डोम, 10 साल के राकेश पुत्र कल्लू डोम और 14 साल के पतलू पुत्र मंगल सिंह डोम को चाइल्ड लाइन की टीम ने 8 दिन पहले ग्वालियर रेलवे स्टेशन से पकड़ा था। चाइल्ड लाइन टीम से इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार यह बच्चे रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में यात्रियों से भीख मांगते पकड़े गए हैं। बच्चों ने पूछताछ में अपने परिवार व पते को नहीं बताया इसलिए, बच्चों को मुरैना के बालगृह में भर्ती करा दिया गया।
जानकारी के अनुसार अहसान की मां मीनाक्षी और राकेश की मां ललिता बीते 8 दिन से कभी महिला एवं बाल विकास कार्यालय, कभी बालगृह तो कभी कलेक्टोरेट के चक्कर काट रही हैं। महिलाओं का कहना है कि वह मथुरा में रिश्तेदारी में गए थे। वहां से तीनों बच्चों को ट्रेन से मुरैना भेजा लेकिन बच्चे गलती से ग्वालियर पहुंच गए। चाइल्ड लाइन की टीम ने इन बच्चों को रेलवे स्टेशन और ट्रेन से भीख मांगते व काम करते हुए पकड़ा है। वर्तमान में बाल कल्याण समिति नहीं है इसलिए, इन बच्चों को बालगृह से छोड़ने का फैसला कलेक्टर साहब को करना है। बच्चों के परिजन आवेदन व बच्चों की पहचान के दस्तावेज दे दें तो उन्हें तत्काल छोड़ दिया जाता है।