रवि शर्मा सोनहत……
सोनहत- भारत की आजादी के कई दशकों बाद भी कोरिया जिले के वनांचल ग्राम लोलकी के किसानों को भूमि अधिकार पत्र नहीं मिला है … भूमि अधिकार पत्र के लिए शासन-प्रशासन से गोहार लगा रहे हैं…लेकिन उसके बाद भी ग्रामीणों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं … ग्रामीणों की मानें तो शासन-प्रशासन भी असमंजस में है… क्योंकि इनकी ये जमीन का नक्शा ही नहीं है…
कोरिया जिले के सोनहत विकास खंड में बसा लोलकी गांव… प्रशासनिक मार का दंस झेल रहा है…यहां पर बसे लोगों के पास सुविधा के नाम पर आंगनबाड़ी और स्कूल तो है राशन कार्ड भी है … लेकिन वर्षों से निवासरत इन ग्रामीणों के पास भूमि अधिकार पत्र नहीं है… इस गांव में रहने वाले लोगों की माने तो पिछले कई दशकों से भूमि अधिकार पत्र की मांग कर रहे हैं… लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं सन् 1965-66 से बसे इस गांव के ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि…भूमि अधिकार पत्र नहीं मिलने से बच्चों का स्थाई निवास और जाति प्रमाण पत्र नहीं बनता… जिससे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता… भूमि अधिकार पट्टे की मांग के लिए हर संभव प्रयास किया गया…जनप्रतिनिधियों ने केवल आश्वासन ही दिया… लेकिन भूमि अधिकार पत्र नहीं दिया…वाह भई वाह वाहवाही तो होनी चाहिए…भला जनता की चुनी सरकार ने करीब 36 घरों को राशन,पानी,आवास और सोलर बिजली के ज़रिए रोशन किया… लेकिन रखवाली करना भूल गए… सरकार से भूमि अधिकार पत्र की दरकार लिए बैठी जनता… आज भूमि अधिकार पत्र न होने की वज़ह से केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं का लाभ से वंचित हैं
अकेला एक गांव… जिसकी पृष्ठ भूमि का या आम शब्दों में नक्शा क्या सरकार के पास है कोरिया जिले के कलेक्टर साहब का कहना है कि ये गांव अनसर्वेड है… जिसका सर्वे किया जा चुका है… गांव में जल्द ही कैम्प लगाकर दावा-आपत्ति का निराकरण किया जाएगा…सवाल लाजिमी है…आखिर क्यों देर हुई गांव का सर्वे करने में… भूमि नक्शा तैयार करने में… जनमत धैर्यवान है… लोकतांत्रिक देश में कब वो दिन आएगा…जब गांव के ग्रामीणों का भूमि अधिकार पट्टे का इंतज़ार ख़त्म होगा