कानपुर। हाल ही में कानपुर के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए गए पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के करीबी साथी जय बाजपेई और उसके एक साथी को रविवार देर रात तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जय पर आरोप है कि पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में वह विकास दुबे के साथ मिला हुआ था। दो दिन पहले ही उसने विकास दुबे को दो लाख रुपए और 25 कारतूस दिए थे। दो जुलाई की रात को विकास दुबे ने दबिश देने गई पुलिस पार्टी पर हमलाकर एक सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी और सात अन्य को घायल कर दिया था।
इस मामले में देर रात नजीराबाद थाने में जय बाजपेई व उसके एक साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले 15 दिनों से पुलिस जय बाजपेई के खिलाफ सारे सबूत जुटा रही थी और पता करने की कोशिश कर रही थी कि वह विकास दुबे का पैसा कैसे और कहां-कहां लगाता था। फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार, जय ही विकास के पैसों को प्रॉपर्टी और अन्य जगहों में निवेश करता था। रविवार की शाम वह सुरक्षित घर पहुंचा, तो हंगामा खड़ा हो गया। देर रात पुलिस ने जय को दोबारा उसके घर से हिरासत में ले लिया।
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने नजीराबाद थाने पहुंच कर जय से पूछताछ की। उसने बताया कि पुलिस कर्मियों की हत्या से एक दिन पहले विकास दुबे को नकदी और कारतूस दिए थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि रिवाल्वर के लाइसेंस पर 25 कारतूस मिले, पर वह यह नहीं बता सका कि उसने कारतूस कहां प्रयोग किए।
जय बाजपेई के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, चार जुलाई को जय अपने एक साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू निवासी आर्य नगर के साथ अपनी तीनों गाड़ियों में विकास दुबे और उसके गैंग को कानपुर से सुरक्षित निकालने की तैयारी कर रहा था। पुलिस की सक्रियता के चलते ही वह इस काम को अंजाम नहीं दे सका और अपनी तीनों गाड़ियों को विजय नगर चौराहे के पास लावारिस हालत में छोड़ कर भाग गया।
पुलिस ने जय बाजपेई और उसके साथी प्रशांत शुक्ला को दो जुलाई को हुई घटना में 120बी का आरोपी बनाकर नजीराबाद थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि सोमवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा। बताते चलें कि विकास दुबे को उज्जैन में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कानपुर लाने के दौरान विकास ने पुलिस की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की, जिसमें वह मारा गया था।