कानपुर । आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद देशभर की मीडिया में सुर्खियों में आए इनामी मोस्टवांटेड विकास दुबे की यूपी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। एसटीएफ और आईबी के अलावा पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए 40 टीमें बनाई हैं। यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हम विकास दुबे के साथियों और उसके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। जब तह हम विकास और उसके साथियों को गिरफ्तार नहीं कर लेते, हम चैन से नहीं बैठेंगे।
पुलिसकर्मियों के इस बर्बर हत्याकांड ने इसलिए भी पूरे देश में सनसनी में डाल दिया क्योंकि इस मुठभेड़ के लिए अपराधी विकास दुबे को पुलिस के छापेमारी की सूचना पुलिस में ही मौजूद उसके एक जासूस ने दी थी। पुलिस अब अपने बीच में मौजूद उस भेदिये का पता करने की कोशिश कर रही है, जिसने अपने ही साथी को गैंगस्टर के जाल में मरने के लिए भेज दिया था।
दो पुराने वीडियो और ऑडियो ने राजनीतिक हलको में सनसनी फैला दी। एक वायरल वीडियो में विकास भाजपा के दो विधायकों को अपना मददगार बता रहा है। हालांकि, ऑडियो की पुष्टि नहीं हुई है। मगर, टीवी चैनलों पर वीडियो और ऑडियो प्रसारित होने के बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। साथ ही जिन विधायकों का नाम विकास दुबे ने लिया है, वे विकास के साथ संबंध होने की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो साल 2017 का है। इसमें विकास ने तत्कालीन कांग्रेस नेता और मौजूदा समय में भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा और बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर का नाम लिया था। उसने कहा कि इन दोनों नेताओं ने मदद की। इसी तरह का ऑडियो भी जारी हुआ है। भाजपा नेताओं के नाम आने से सियासी हलचल भी तेज हो गई है। दोनों नेताओं ने संबंधित टीवी चैनल पर अपना पक्ष रखते हुए विकास दुबे से संबंधों से इन्कार किया है। साथ ही सांगा ने थाने में विकास दुबे के खिलाफ तहरीर भी दे दी है।
बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने वीडियो के जारी होने के बाद मामले में सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरा न तो विकास से कभी संबंध रहा है और न ही मैं उससे मिला हूं। इसके उलट मैंने हमेशा विकास के सताए लोगों का सहयोग किया, जिसमें से एक अनुराग दुबे हैं। इस मामले में मानहानि को लेकर मैंने बिठूर थाने में तहरीर दी है। सांगा ने कहा कि विकास झूठ बोल रहा है और सत्ता का संरक्षण लेने के लिए उसने नाम लिया है। जहां तक मुझे पता है विकास ने यह बयान एसटीएफ को दिया था। अगर मेरा विकास दुबे के कोई संबंध था तो अब तक एसटीएफ ने मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
बिल्हौर विधायक भगवती प्रसाद सागर ने भी विकास के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 2017 का है। उस वर्ष चुनाव में विकास ने खुलकर बसपा प्रत्याशी का साथ दिया था। बसपा प्रत्याशी के साथ विकास दुबे और एक फिल्म अभिनेत्री ने मंधना से बिल्हौर तक रथ भी निकाला था। चुनाव आयोग के आदेश पर इसकी वीडियोग्राफी भी की गई थी, जो जिला प्रशासन के पास होगी। अधिकारी उसे देखकर मेरे बयान की पुष्टि कर सकते हैं। इससे पहले साल 2012 में मैंने चुनाव नहीं लड़ा था। विकास इतना शातिर है कि वह किसी का भी नाम लेकर उसे फंसा सकता है।