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✍ 21 दिन की नहीं रहेगी अवधि कंटेनमेंट जोन का दायरा अब सिर्फ तीन घरों तक सीमित रहेगा…….

कोरोना पॉजिटिव प्रकरण सामने आने के बाद संबंधित के घर के दोनों ओर के एक-एक घर को मिलाकर कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।

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भोपाल । प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए जाने वाले कंटेनमेंट जोन का दायरा अब सिर्फ तीन घरों तक रहेगा। इसकी अवधि भी 21 दिन नहीं रहेगी। कोरोना पॉजिटिव प्रकरण सामने आने के बाद संबंधित के घर के दोनों ओर के एक-एक घर को मिलाकर कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। पहला सर्वे होने के बाद दूसरा पांच दिन बाद होगा। इसमें यदि कोई और कोरोना पॉजिटिव प्रकरण सामने नहीं आता है तो कंटेनमेंट जोन खोल दिया जाएगा।

घनी बस्ती को लेकर कंटेनमेंट जोन बनाने के मामले में निर्णय स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से जिला प्रशासन करेगा। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि संभाग आयुक्त और कलेक्टरों के साथ हुई बैठक में कंटेनमेंट जोन को नए सिरे से परिभाषित करने का विषय आया था।

इसमें विचार किया गया कि एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर 21 दिन के लिए बड़ी आबादी को क्यों प्रभावित किया जाए। इस पर सहमति बनी कि इस अवधि को घटाया जाए। यह विचार किया गया कि अब कंटेनमेंट जोन तीन घरों तक रखा जाए। प्रभावित के घर के दोनों ओर एक-एक घर को शामिल किया जाए। पहले सर्वे के पांच दिन बाद दूसरे सर्वे में यदि कोई कोरोना पॉजिटिव प्रकरण सामने नहीं आता है तो कंटेनमेंट जोन खोल दिया जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि ठेला व्यवसायियों को बैंकों से दस हजार रुपये तक का कर्ज दिलाने के लिए गुरुवार तक अनिवार्य रूप से पंजीयन कराया जाए। केंद्र सरकार की योजना में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद को शामिल किया गया है।

डॉ.मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने तय किया है कि प्रदेश के छोटे कस्बों में ठेला चलाकर व्यवसाय करने वालों को राज्य सरकार अपनी गारंटी पर बैंकों से कर्ज दिलाएगी। लूटपाट, छीना-झपटी मामलों की निगरानी करेंगे आइजी बैठक में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। इसमें यह सामने आया कि अनलॉक होने के बाद हाईवे पर लूटपाट के साथ छीना-झपटी जैसे अपराधों की शिकायतें आई हैं।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 98 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई हुई है। अब यह तय किया गया है कि एक पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) प्रतिदिन इन मामलों की निगरानी करेंगे और रिपोर्ट गृहमंत्री के साथ पुलिस मुख्यालय को देंगे। अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं कि कानून व्यवस्था सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस तरह की घटना न हो। झगड़े, गैंगवार आदि पर पूरा नियंत्रण रखा जाए।

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