जिला कोरिया में तीनों विधायकांे का लाभ उठा रहे है उन्ही के दलाल क्योंकि 15 वर्षों के बाद कांग्रेस को मौका मिला है तो उनके साथ में रहने वाले छूटभैया विधायक के साथ सेल्फी व अपना फोटो खींचकर फेसबुक व व्हाटसप पर लगाकर हीरों बने घूम रहे है और अधिकारियों पर दवाब व स्थानान्तरण की धमकी देकर पैसे की खूब वसुली की जा रही है यही लोग करोडों के आसमी हो चुके है क्योंकि उनकों पार्टी से कोई मतलब नही है पूर्व में बीजेपी शासन था तो आरईएस विभाग में करोडों का घोटाला किया गया तब कुछ नही हुआ अब कांग्रेस शासन में वही ठेकेदार कांग्रेस नेता बनते है वही लोग ग्राम पंचायतांे में जो कि ऐजेसीं ग्राम का सरपंच होता है जिसकी शिकायत लिखित में जनपद पंचायत व जिला पंचायत को ग्राम वासियों ने शिकायत की गई है जिसको जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा ग्रामीण ईलाकांे में जाकर देखा तो उन्होनें भ्रष्टाचार को देखते हुए चिंतन किया पर जिला पंचायत अध्यक्ष क्या करे क्योकि जिला सी ओ अपनी नौकरी बचाने में लगी है क्योकि विधायकांे का दवाब होने के कारण कुछ नही कर सकती जिला सी ओ पर कांगे्रस के छूटभैया का भी दवाब चल रहा है। जो समाचार पत्र वाले सच्चाई को प्रकाशित करते है तो कांग्रेस के नेतागढ उस पत्रकार के उपर पुलिस पर दवाब बनाकर एफआईआर दर्ज करा देतें है क्योंकि नेतागढ अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उस पत्रकार के उपर षडयंत्र कर झूठे -झूठे मामले दर्ज कराए जाते है इसी प्रकार एक मामला एैसा था जिसमें एक व्यापारी से लंबा पैसा लिया गया जिसकी शिकायत मोबाइल पर श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक को भी बताया गया श्रीमान जी द्वारा कहा गया कि पुलिस अधीक्षक को बता दीजिए उसके उपरान्ंत थाना प्रभारी द्वारा सच्चाई को दबाने के लिए नगर पालिका के इंजीनियर का सहारा लेकर पत्रकार के ऊपर घटिया निर्माण के समाचार प्रकाशन को लेकर एक सोचा समझा षडयंत्र रचा गया क्योंकि इस इंजीनियर का संबंध कुछ एैसे गंुडों से है जो पूर्व में एक सवइंजीनियर को बंदी बनाकर मारा पीटा गया था जिसमें कोरिया कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत किया था पर कांग्रेसी विधायक के दवाब वस आज तक कोई भी कार्यवाही नही हुई जबकि विधायक तो विधायक पर पुलिस प्रशासन भी नियम का उल्लंघन कर रही है नियम भारत सरकार का एवं मध्यप्रदेश सरकार व छत्तीसगढ सरकार के पुलिस महानिर्देशक के शक्त निर्देश है कि किसी भी पत्रकार के ऊपर एफआईआर दर्ज करने से पहले श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक से परमीशन लेना पडता है एवं छत्तीसगढ शासकीय समिती पत्रकार व पुलिस राज्यपतित अधिकारी जांच के उपरांत ही एक पत्रकार के उपर एफआईआर दर्ज हो सकती है पर यहां तो आलम ही अलग है यहां विधायक व उनके खास समर्थकों से शासन प्रशासन व अधिकारी भी दवाब में चल रहे है एैसे सर्मथक जो विधायक की तो छवि पूरी तरह खराब कर ही रहे है पर आने वाले समय में विधायक को इसका अच्छा खासा खामियाजा भी उठाना पडेगा क्योकि विधायक के खास समर्थकों के कारनामों से जनता त्रस्त हो चुकी है समर्थक हर जगह विधायक का खास बताकर अपनी दादागिरी व आतंक से अधिकारियों को धमकाते है व जो भी पत्रकार सच्चाई लिखता है उसी के ऊपर दवाब वस थाना प्रभारी धाराएं चुन-चुनकर लगाते है जो कि यह सारी बातें शर्मसार हैं।
✍ विधायक के अनिभिक्ता का लाभ उठा रहे है छूटभैया…..
छूटभैया विधायक के साथ सेल्फी व अपना फोटो खींचकर फेसबुक व व्हाटसप पर लगाकर हीरों बने घूम रहे है और अधिकारियों पर दवाब व स्थानान्तरण की धमकी देकर पैसे की खूब वसुली की जा रही है