जेल के कर्मचारीयों का पर्दाफास
जिला-सुरजपुर छतीसगढ़, सुरजपुर जिला को जिला बने लगभग कई वर्ष हो गए और सुरजपुर जिला सभी चीजों में धीरे-धीरे विकाश की ओर प्रगति कर रहा है परन्तु आज तक प्रशासन का ध्यान जिला जेल की ओर नहीं गया सुरजपुर जिला बनने के बाद भी आज तक जेल उपजेल ही बना रहा व उप जेल लिखाया गया है क्या सुरजपुर को अभी तक जिला का दर्जा मिला या नहीं और मिला तो जिला जेल क्यों नहीं लिखा गया और दर्जा नहीं मिला तो क्यों नहीं मिला चर्चा का विषय है, वहाँ पर कैदियों को दाल के नाम पर हल्दी डाला गया पानी परोसा जाता है व चावल के नाम पर पतला खिचड़ी परोसा जाता है, और सब्जी तो देखने को नहीं मिलता है, जानकार सुत्रों द्वारा बताया गया की कैदियों के घर से भेजवाए हुए केला, बिस्कुट, नमकीन, इत्यादी खाने की सामग्रीयों पर वहाँ के भ्रष्टरक्षक बंदरों की तरह टुट पड़ते हैं, वशिष्ठ टाइम्स संपादक के निरीक्षण के दौरान स्वयं संपादक के द्वारा देखा गया की वहाँ के भ्रष्टरक्षकों द्वारा कैदियों के घर वालों से पैसा लिया जा रहा था, संपादक ने अपने कर्मचारी को फोटो खिचनें को कहा लेकिन उन्होने खिचने नहीं दिया, जेल के कर्मचारी द्वारा बताया गया की जेल अधिक्षक के द्वारा कैदियों की खाने की सामग्री को अपने घर उपयोग के लिए ले जाया जाता है, एक बार पुर्व में भी जेल की भ्रष्टाचारी को वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था, शासन व प्रशासन थोड़ा ध्यान दे और निरीक्षण करे।