उज्जैन : नीलगंगा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक शुक्रवार शाम पैदल ही ग्वालियर से उज्जैन आ गया। 16 दिन पहले वह ग्वालियर से उज्जैन के लिए चला था। यहां उसका स्वागत सीएसपी डॉ. रजनीश कश्यप व नीलगंगा थाना प्रभारी कुलवंत जोशी ने किया और मेडिकल जांच के लिए भेजा। सीएसपी ने उसे दो दिन का अवकाश दिया और उसे होटल में ही क्वारंटाइन रहने को कहा। प्रधान आरक्षक रमेशसिंह तोमर 20 मार्च को ग्वालियर विसरा जांच के लिए गया था।
लॉकडाउन होने के बाद वह प्रगति विहार ग्वालियर में रहने वाली बेटी संध्या तोमर के घर चला गया। वहां से वह 2 अप्रैल को उज्जैन आने के लिए पैदल ही निकल गया। 16 दिन तक लगातार वह चलता रहा। शुक्रवार को वह उज्जैन पहुंचा और सीधे आकर थाने में आमद दी। इस पर थाने में मौजूद जवानों ने टीआई जोशी को इसकी जानकारी दी। इस पर उसे सिंधी कॉलोनी चौराहे पर बुलवाया गया। यहां सीएसपी डॉ. रजनीश कश्यप व टीआई जोशी ने माला पहनाकर तथा ताली बजाकर स्वागत किया।
रमेश तोमर ने बताया कि वह कुछ दिन तो पुत्री के यहां रहा। बाद में मुरैना चला गया था। मोबाइल डिस्चार्ज होने से उसका किसी से संपर्क नहीं हो पाया। बर्खास्त न हो जाए इस डर से वह 60 साल की उम्र होने के बाद भी पैदल ही उज्जैन के लिए निकल गया।
रमेशचंद्र ने सीएसपी कश्यप से पूछा कि उसे बर्खास्त तो नहीं किया जाएगा। इस पर सीएसपी ने कहा कि नहीं उसने कोई ऐसा काम नहीं किया है कि बर्खास्त किया जाए। 60 वर्ष उम्र होने के बाद भी करीब 600 किलोमीटर पैदल चलकर आना बड़ी बात है। तुम्हारा तो स्वागत होना चाहिए। इसके बाद अधिकारियों ने उसका स्वागत किया।