भोपाल ; विश्वव्यापी कोरोना संकट ने मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में कर्मचारियों का घरेलू बजट भी बिगाड़ दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पहली बार इस बीमारी के नाम पर करीब एक हजार करोड़ रुपये अग्रिम निकाले हैं। मध्य प्रदेश में ही हजारों लोगों ने कोरोना के नाम पर खातों से पैसे निकाले हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सूत्रों का कहना है कि देश भर में करीब साढ़े तीन लाख सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य निधि खातों से ‘नॉन रिफंडेबल एडवांस’ की राशि निकाली है। लॉकडाउन के शुरूआती 10-12 दिनों में ही करीब 290 करोड़ रुपये निकाले जा चुके थे। मध्य प्रदेश में ही भविष्य निधि खातों से करीब 8-10 हजार सदस्यों ने बतौर अग्रिम लाखों रुपये निकाला है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह पहला अवसर है जब कोरोना महामारी के संक्रमण को राष्ट्रीय आपदा मानकर भविष्य निधि खातों से अग्रिम निकासी संबंधी नियमों को शिथिल किया गया है। अभी तक भविष्य निधि खाते से बीमारी, आवास निर्माण, बच्चों की उच्च शिक्षा एवं शादी के नाम पर ही अग्रिम निकासी की पात्रता थी। केंद्र सरकार ने इसके लिए विशेष अधिसूचना भी जारी की है।
देश भर में 5 लाख 75 हजार 659 संस्थान हैं जिनमें कुल 5 करोड़ 14 लाख सदस्य हैं। इनमें से करीब साढ़े तीन लाख सदस्यों ने लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य निधि खातों से कोरोना महामारी के नाम पर करीब एक हजार करोड़ रुपये अग्रिम के रूप में निकाले हैं।
ऑनलाइन एडवांस के आवेदनों का सिलसिला लगातार जारी है। मप्र में ही भोपाल के क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय में हाल ही में करीब दो हजार अग्रिम संबंधी आवेदनों का निराकरण किया गया है। यही स्थिति इंदौर,उज्जैन और जबलपुर कार्यालयों में भी है।