मध्य प्रदेश में पिछले 17 दिनों से चले आ रहे सियासी नाटक का आज अंत हो गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया है और 15 महीने पुरानी कांग्रेस की सत्ता से विदाई हो गई है. इस्तीफे से पहले कमलनाथ ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा आज के बाद कल भी आता है और कल के बाद परसों भी आता है.
कमलनाथ ने कहा कि हमारे 15 महीने में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा. जनता ने ये महसूस किया कि सरकार कैसी होती है, वह बोले कि आज के बाद कल आता है और कल के बाद परसों. उनकी इस बात के क्या मायने होंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि वह नीलामी और सौदे की राजनीति नहीं करते हैं.
मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद आया, लेकिन कमलनाथ ने अपने इस्तीफे की घोषणा के वक्त सिंधिया का एक बार भी जिक्र नहीं किया. हालांकि उन्होंने इशारों-इशारों में जरूर हमला किया है और कहा कि एक महाराज और उनके 22 साथियों के साथ मिलकर साजिश रची गई. सच्चाई थोड़ी समय में सामने आएगी. हमने तीन बार विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया.
कमलनाथ ने कहा कि हमारे विधायकों को कौन ले गया. किसने पैसा दिया, कौन ले गया. ये जल्द ही सबके सामने आ जाएगा. उन्होंने बीजेपी के 15 साल से तुलना करते हुए कहा कि उन्हें जनता ने 5 साल के लिए चुना था, लेकिन उन्हें 15 महीने ही काम करने दिया गया. कमलनाथ ने कहा कि इन 15 महीनों में उन्होंने प्रदेश की तस्वीर बदलने की पूरी कोशिश की और हमेशा विकास में विश्वास रखा.
कमलनाथ ने कहा कि इन 15 महीनों में भाजपा ने लगातार मेरे खिलाफ साजिश की. बीजेपी पहले दिन से साजिश कर रही थी और आज हमारे 22 विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाकर रखा हुआ है. बीजेपी ने करोड़ों रुपयों का खेल खेला है. प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी. हमने इन 15 महीनों में मिलावटमुक्त सरकार बनाने की कोशिश की.