Home राजनिति किरण बेदी अरविंद केजरीवाल के लिए लकी साबित हुईं…….

किरण बेदी अरविंद केजरीवाल के लिए लकी साबित हुईं…….

किरण बेदी को उनके सामने चुनाव मैदान में उतार दिया गया। केजरीवाल ने उसी दिन कह दिया था कि भाजपा की यह रणनीति बैक-फायर करेगी

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2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए लकी साबित हुई थीं। वह भी दो तरीके से; एक, जिस दिन किरण बेदी ने भाजपा ज्वाइन की, उस रोज आम आदमी पार्टी को भरपूर चंदा मिला। महज 24 घंटे में आठ सौ से ज्यादा लोगों ने पार्टी के खाते में 52 लाख रुपये का चंदा जमा करा दिया।आप ने यह कहकर इसे खूब भुनाया कि …किरण आईं, आप के लिए खूब चंदा लाईं। दूसरा, केजरीवाल जैसा चाहते थे, भाजपा ने वैसा ही कर दिया। किरण बेदी को उनके सामने चुनाव मैदान में उतार दिया गया। केजरीवाल ने उसी दिन कह दिया था कि भाजपा की यह रणनीति बैक-फायर करेगी। वही हुआ, किरण बेदी खुद भी हार गईं और भाजपा तीन सीटों पर सिमट गई। केजरीवाल 70 में से 67 सीट जीतकर दिल्ली के सीएम बन गए।

दरअसल, 2015 के चुनाव में भाजपा ने चुनाव से पहले केजरीवाल के समक्ष सीएम के लिए किसी नेता के नाम का ऐलान नहीं किया था।केजरीवाल अपनी हर जनसभा में यह मुद्दा उठाते थे। वे लोगों के बीच जाकर सवाल करते थे कि क्या भाजपा के पास एक भी ऐसा नेता नहीं है जो मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत रखता हो। इसके अलावा वे समय समय पर भाजपा के स्थानीय नेताओं का नाम अपने सामने ले आते थे। इसका राजनीतिक तौर पर केजरीवाल को फायदा मिला और भाजपा को नुकसान हुआ।

आप ने अपने चुनाव प्रचार में भाजपा की ओर से जगदीश मुखी, विजेंद्र गुप्ता, विजय गोयल और सतीश उपाध्याय जैसे कई नेताओं का नाम आगे कर दिया। हालांकि इसके लिए भाजपा ने कभी हां नहीं भरी। चूंकि उस वक्त केजरीवाल ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी कि भाजपा को किरण बेदी का नाम सीएम पद के लिए आगे लाना पड़ा। केजरीवाल जो चाहते थे, वही हुआ। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भाजपा में शामिल हो गईं।

दोहरा फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ। किरण आईं, आप के लिए खूब चंदा लाईं। आठ सौ से ज्यादा लोगों ने पार्टी के खाते में 52 लाख रुपये का चंदा जमा करा दिया। उस साल पार्टी को एक दिन में मिले चंदे की वह सबसे बड़ी राशि थी। इसके बाद दस जनवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रैली की थी। मोदी ने इस रैली में आप नेता अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था।

यहां तक कि आप नेता को कथित तौर पर अराजकतावादी कहा गया। इसके बाद आप के समर्थकों का जोश बढ़ता चला गया। जहां पहले रोजाना औसतन तीन सौ लोग आप को चंदा दे रहे थे, वहीं रैली के दिन आप का चंदा दोगुना से ज्यादा हो गया। करीब 650 लोगों ने आप को 12 लाख रुपये से ज्यादा का चंदा दिया। किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने के बाद तो आप का चंदा तेज रफ्तार से बढ़ने लगा।

उस रोज अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात से भी आप को अच्छा-खासा चंदा मिला। किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने को केजरीवाल ने अपने लिए बहुत शुभ माना। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कह दिया था कि अब भाजपा की हार सुनिश्चित है। भाजपा की यह रणनीति पूरी तरह फेल होने जा रही है। वही हुआ, आप 67 पर पहुंच गई और भाजपा के हिस्से केवल तीन सीट आईं।

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