मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में वार्षिकोत्सव समारोह के लिए शहीद भगत सिंह नाटक का मंचन हुआ। शहीद भगत सिंह नाटक में 12 साल का एक छात्र ने अंग्रेज सिपाही को रोल निभाया। नाटक के बाद भगत सिंह की भूमिका का रोल निभाते हुए छात्र फांसी पर लटकने की सीन करने की कोशिश करने लगा। फांसी पर लटकने की सीन करने की कोशिश के दौरान दुर्घटनावश फंदा लगा और छात्र की जान चली गई। प्रियांशु के पिता ने बताया कि शिक्षकों ने एक फरवरी को नाटक में भाग लेने के लिए उसे शामिल किया। दूसरे दिन दोपहर में खेत के पास वह स्कूल के नाटक का वीडियो देख रहा था। उसने भगत सिंह की भूमिका निभाते हुए फांसी पर लटकने का सीन करने की कोशिश किया। सीन करने से पहले 12 साल के छात्र को ये नहीं पता था कि चंद पल की लापरवाही उसकी जान पर भारी पड़ जाएगी। अगर स्कूल प्रशासन नाटक में भाग लेने वाले बच्चों को सतर्क की होती तो आज एक मां की गोद न सूनी होती। प्रियांशु तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। लापरवाही ने बच्चे की जान ले ली।
पुलिस के अनुसार प्रियांशु ज्ञानसागर स्कूल का छात्र था। नाटक के मंचन के बाद वह खेत में बने टपरे में अपने नाटक का वीडियाे देख रहा था। वीडियो देखते हुए उसके मन में फांसी का सीन करने की कोशिश हुई। उसने पास में ही बल्ली पर रस्सी डाली। वह जिस खटिया पर खड़े होकर बल्ली पर रस्सी डाल रहा, अचानक वह खटिया दूसरी तरफ से उठ गई। खटिया उठने से प्रियांशु का संतुलन बिगड़ने लगा। देखते ही देखते वह फंदे पर झूूल गया।थोड़ी देर बाद खेत में काम कर रहे प्रियांशु के चाचा की नजर पड़ी तो मानो उनके पैर तले जमीन खिसक गई। भतीजे को फांसी पर लटका देख उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जांच में सामने आया कि फांसी से पहले प्रियांशु मोबाइल में भगत सिंह पर आधारित नाटक का वीडियो देखा था।
स्कूल के प्राचार्य अरुण जैन का कहना है कि प्रियांशु स्कूल कम ही आता था। उसके पिता के कहने पर ही हमने उसे नाटक में अंग्रेज सिपाही का रोल दिया था। नाटक में भी फांसी वाला कोई सीन नहीं था। प्रियांशु के मन में यह बात कहां से आई, यह समझ से परे है।