मकर संक्रांति को दान-पुण्य का महापर्व भी कहा जाता है। यह पर्व हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति को अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होती है। इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन तिल का सेवन और दान करने का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसे में यदि आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा अनुकूल नहीं है तो अपनी राशि अनुसार सफेद तिल के साथ निम्न मंत्रों का जाप करने के बाद इन वस्तुओं का दान करने से कुंडली में ग्रहों की दशा अनुकूल हो जाती है। तो आइए जानते हैं किस राशि के जातक को किस वस्तु का दान और जाप करना चाहिए।
मेष-
सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मई माह में विशेष लाभ होने की सम्भावना है। संतान की प्रगति को लेकर चिंताएं दूर होंगी। करियर के चयन को लेकर बेचैनी बढ़ सकती है। मंत्र: ऊं रवये नम:।
दान सामग्री- गुड़।
वृषभ- स्वास्थ्य सम्बन्धी चिंताएं हो सकती हैं। आप परिवारिक मतभेदों में कमी करने का प्रयास करेंगे। परिवार की चिंताओं के कारण व्यवसायिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। मंत्र: ऊं मित्राय नम:।
दान सामग्री– शक्कर।
मिथुन- आर्थिक क्षेत्रों के लिए यह समय आत्मविश्वास, उत्साह व उर्जा को बनाए रखने में सहायक हो सकता है। आपके द्वारा लिए गए निर्णय सही साबित होंगे। धन संचय में अस्थिरता रहेगी। मंत्र: ऊं खगाय नम:।
दान सामग्री- सिंघाड़ा, नरियल
कर्क- व्यवसायिक क्षेत्र में धन की उपलब्धता बनी रहेगी। भाग्य आपका साथ दे रहा है, कुछ उन्नति के मार्ग भी दिखाई दे सकते हैं। अपना कुछ समय धर्म-कर्म के कार्यों में लगाएं तो शांति प्राप्त होगी। मंत्र: जय भद्राय नम:।
दान सामग्री- दूध और चावल।
सिंह-आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए आप ज्यादा प्रयास कर सकते हैं। आपकी मेहनत, कार्य कुशलता रंग लाएगी तथा इससे पहले किए गये कार्यों से लाभ मिलने आरम्भ हो जाएंगे। मंत्र: ऊं भास्कराय नम:।
दान सामग्री- अनार।
कन्या-नौकरी में बदलाव के संकेत मिलते हैं। कार्यक्षेत्र में अपने सम्मान सम्बंधी विषयों पर आपकी चिंताएं बढ़ सकती हैं। आय के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव अधिक होंगे, लेकिन लाभ ही होगा। मंत्र : ऊं भानवे नम:।
दान सामग्री- हरे फल।
तुला- दांपत्य जीवन में तनाव की स्थिति बनी रह सकती है। परिवार के साथ बातचीत में कमी के कारण सम्बंध कुछ खराब हो सकते हैं। परिवार में सुख- सुविधा के साधनों में वृद्धि होगी। मंत्र : ऊं पुष्णे नम:।
दान सामग्री- चावल, खट्टे फल।
वृश्चिक- नए सम्बंध आरम्भ करना सही नहीं रहेगा। परिवार की समस्याओं को सुलझाने में आप व्यस्त रह सकते हैं। इस समय संतान के स्वभाव में जिद का भाव देखा जा सकता है। मंत्र: ऊं सूर्याय नम:।
दान सामग्री- दूध और गुड़।
धनु- अपने जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने से आप दोनों के मध्य समन्वय व स्नेह भाव में वृद्धि होगी। मंत्र: ऊं आदित्याय नम:।
दान सामग्री-चना दाल, गुड़।
मकर-आपको सज्जनों के संपर्क में आने के अवसर प्राप्त होगें। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं। धार्मिक यात्राओं पर व्यय बढ़ सकते हैं। मंत्र: ऊं मरीचये नम:।
दान सामग्री – मुंगफली।
कुम्भ-आपके आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। अपनी बुद्धिमता से परिवार की सुख-शांति को बनाए रखने का प्रयास करें। संतान की ओर से चिंतित रह सकते हैं। मंत्र: ऊं सवित्रे नम:।
दान सामग्री- शक्कर, उड़द दाल।
मीन- परिवार में किसी नए सदस्य के शामिल होने के योग बन रहे हैं। इसके अलावा, कोई शुभ सूचना भी आपको प्राप्त हो सकती है। साझेदारी व्यापार में इस अवधि में लाभ के स्त्रोत बनेगें। मंत्र: ऊं अर्काय नम:।
दान सामग्री- बेसन की मिठाई।