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विश्व नागरिक उड्डयन दिवस …

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विश्व नागरिक उड्डयन दिवस शनिवार को है, लेकिन इंदौर के लिए यह काफी खास है। दरअसल, आज से ठीक 82 साल पहले इंदौर की जमीन पर पहली बार विमान उतरा था। जब टाटा समूह के संस्थापक पहली बार विमान लेकर इंदौर आए थे। आज इंदौर का एयरपोर्ट (Indore Airport) इंदौर का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट बन चुका है। 25 मार्च 2018 से 24 घंटे खुला रहने वाला इंदौर एयरपोर्ट का इतिहास 82 साल पुराना है। टाटा एंड संस ने 1935 में इसका निर्माण शुरू करवाया था। उस समय इसे बनाने में 1.84 लाख रुपए खर्च आया था। 7 दिसंबर 1937 को जेआरडी टाटा इंदौर में विमान लेकर आए थे। जब 10 हजार करोड़ रुपए के कारोबार समूह के जेआरडी टाटा हवाई जहाज से चिट्ठियां लेकर इंदौर आते थे।

उड़ती चिड़िया को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती थी। इसी साल (1937) टाटा एयरलाइंस ने बंबई (मुंबई), इंदौर-भोपाल-ग्वालियर-दिल्ली के बीच उड़ान शुरू की थी। 26 जुलाई 1948 को इंदौर पहली बार देश के हवाई नक्शे पर उभरा था, लेकिन हवाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई थीं। 1 अप्रैल 1950 से केंद्रीय वित्तीय एकीकरण योजना के अधीन इंदौर एयरपोर्ट को भारत सरकार को सौंप दिया गया। इसके बाद 14 नवंबर 1981 से एयरपोर्ट पर तीन दिन बोइंग विमान आना शुरू हुए थे। इंडियन एयरलाइंस के इस विमान में तत्कालीन सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रकाशचंद्र सेठी दिल्ली से आए थे। उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। 15 नवंबर 1982 से यहां नियमित उड़ान की शुरुआत हो गई थी और दिल्ली, मुंबई से रोज विमान आना शुरू हुए। 4 अगस्त 1985 से इंदौर-पुणे, 3 जनवरी 1987 से इंदौर-अहमदाबाद, 5 अप्रैल 1988 से इंदौर-भोपाल और 20 जून 1988 से इंदौर से जयपुर के बीच उड़ानें शुरू हुईं। बीच में कुछ समय के लिए इंदौर से उड़ानें बंद हुई थीं, लेकिन अब इंदौर एयरपोर्ट से करीब 76 से अधिक विमान उड़ते हैं। साथ ही यह पहला एयरपोर्ट है, जहां से सीधी इंटरनेशनल फ्लाइट भी चलती है।

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