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एक कांस्टेबल के अपने पांच साथियों को गोली मारने की घटना की जांच …

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कड़ेनार कैंप. छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित कड़ेनार आइटीबीपी कैंप में बुवार की मातमी सुबह का खौफनाक सन्नाटा गुरुवार को भी पसरा रहा। इसी कैंप में बुवार को एक जवान ने फायरिंग कर पांच साथियों की हत्या कर दी थी। घटनास्थल पर फायरिंग करने वाला जवान भी मृत मिला था। बैरक की फर्श और दीवारों पर बिखरे खून के छींटे सूख कर काले हो चुके हैं। जवानों के चेहरे पर घोर उदासी और आंखें यह बयां कर रहीं कि हालात से उबरने में जवानों को अभी वक्त लगेगा। फायरिंग की घटना के बाद करीब 30 घंटे बीत चुके हैं लेकिन जवानों ने न तो नाश्ता किया है, न भोजन। उनकी सूखी आंखें रह-रह कर कुछ देर के लिए नम हो जाती हैं। हालात ऐसे कि जवानों को समझाने, हौसला देने के लिए आइटीबीपी के आला अधिकारियों को भी पसीने छूट गए। जवान किसी तरह माने और अधिकारियों के साथ एक-दो निवाला लेकर खाना खा लेने की जैसे रस्म पूरी कर दी हो।

गुरुवार को आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों का दल हेलीकॉप्टर से कड़ेनार कैंप पहुंचा। कैंप प्रभारी से लेकर जवानों से वन टू वन बात भी की। फोरेंसिक के संयुक्त संचालक डॉ. बी सूरी बाबू के नेतृत्व में टीम ने ढाई घंटे तक निरीक्षण किया। वहां फैले खून के सैंपल लिए। मृत जवानों की पांच सर्विस रायफलें, पोस्टमार्टम के दौरान मृत जवानों के शरीर से मिली गोलियां, मौके पर मिले जिंदा व फायरशुदा कारतूस बरामद कर उन्हें सीलबंद कर जब्त किया। इसे बैलेस्टिक परीक्षण के लिए सेंट्रल लैब एफएसएल रायपुर भेजा जाएगा। आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों में एडीजी अरविंद कुमार, आइजी अनिल कुमार गौतम, डीआइजी अवनीश कुमार, बस्तर आइजी पी सुंदरराज, एसपी मोहित गर्ग, कमांडेंट 45 बटालियन सुरेश कुमार यादव, टू आइसी पीएस बग्गा समेत अन्य अकिारी गुरुवार को कड़ेनार कैंप पहुंचे। उन्होंने जवानों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए कहा कि किसी भी जवान को किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत हो तो अपने शीर्ष अधिकारियों से जरूर बात करें। उन्होंने कहा कि कोई भी साथी अगर तनाव से गुजर रहा है तो वह अपने साथी के मन के बोझ को हल्का करें और कैंप प्रभारी को संबंधित जवान की गतिविधियों से वाकिफ कराए। अधिकारियों की टीम ने करीब छह घंटे कैंप में बिताए। जगदलपुर से पहुंची फोरेंसिक की टीम ने घटना को अंजाम देने वाले जवान मसुदुल रहमान के बैरक और उसके हथियार की जांच की। घटना के दौरान पेड़ की टहनियों, बैरक के दरवाजे और दीवारों में लगे गोलियों के निशानों की फोटोग्राफी करने के बाद अन्य सैंपल एकत्रित किए।

क्यों चलाई गोली

नारायणपुर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के कैंप में एक कांस्टेबल के अपने पांच साथियों को गोली मारने की घटना की जांच होगी। आइटीबीपी के आला अधिकारियों ने बताया कि डीआइजी स्तर के अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा जाएगा। इस टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इसमें बटालियन के प्रभारी अधिकारी और बैरक के प्रभारी अधिकारी को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि टीम घटना के कारणों, गोलीबारी की परिस्थिति और उससे बचाव के उपाय के बारे में एक महीने में रिपोर्ट देगी। बैरक के जवानों से भी पूछताछ की जाएगी और घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली जाएगी। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर आइटीबीपी की नारायणपुर और राजनांदगांव में पांच बटालियन तैनात है।

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