भिलाई। बीएसपी आवासों में रहने वाले रिटेंशनधारियों से कहा जा रहा है कि अफसरों से जाकर मिल लें। हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति की 287वीं बैठक में नगर सेवाएं विभाग पर यह आरोप सदस्यों ने लगाया। कहा-नगर सेवा विभाग की टीम आवासों में पहुंचकर उन्हें आवास एवं किराये के संबंध में वहां के अधिकारी से मिलने की बातें कह रहे हैं। इस संबंध में समिति ने यह निर्णय लिया कि प्रबंधन के भेदभाव, पक्षपातपूर्ण एवं मनमानी रवैये के विरोध में शीघ्र ही एक उग्र धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। अध्यक्ष राजेंद्र सिंह परगनिहा ने कहा कि नगर सेवाएं विभाग का घेराव किया जाएगा। प्रबंधन लोक परिसर अधिनियम 1971 पीपी एक्ट के प्रावधान एवं उसके मूल उद्देश्य की पूर्ति के लिए जो कार्यवाही करना चाहिए, उसे जानबूझकर नहीं कर रही है। हमारी समिति प्रबंधन को बताना चाहती है कि पीपी एक्ट केवल रिटेंशनधारियों के लिए ही नहीं बना है। यह अधिनियम उन सभी तमाम अवैध कब्जाधारी अनाधिकृत अधिभोगियों के लिए बेदखली की कार्यवाही करने के लिए बना है। इसमे स्पष्ट उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि ‘कंपनी की भूमि या भवन या भवन का भाग, उद्यान, आवास में अधिक लाभप्रद उपयोग के लिए अतिरिक्त निर्माण, लीज या पट्टे पर लिए आवास परिसर जिसमें अवैध निर्माण किउ गए हो, वे आवास जिसमें व्यवसाय चलते हो, गाय, भैंस, मुर्गी, सुअर का पालन करते हों उन सभी पर इस अधिनियम के तहत प्रबंधन को समान रूप से कार्यवाही करने को लिखा गया है’।
2004 के बेदखली आदेश पर अमल क्यों नहीं
सदस्यों ने कहा कि बीएसपी प्रबंधन इस एक्ट के तहत उपरोक्त सभी क्षेत्रों में अभी तक कितनी कार्यवाही कर कंपनी आवासों एवं भूमि को बेजा कब्जा होने से बचाया है, यह भी बताए। अभी क्या स्थिति है। इसका मूल्यांकन पहले वे स्वयं कर लें, क्योंकि सधााई सर्व विदित है कि भिलाई टाउनशिप के चारों ओर उसके भूमि एवं आवासों और बेश कीमती जमीनों पर बेजा कब्जा कर निवास करने वालों एवं व्यवसाय करने वालों का भरमार है। कई बड़े व्यवसायियों को 2004 से ही बेदखली आदेश पारित होने के बाद भी वे अभी तक अंगद के पांव की तरह जमे हुए हैं। प्रबंधन उनका बाल बांका नहीं कर पा रहा है।
खुर्सीपार से नेवई तक कब्जेदारों पर बीएसपी नरम
बीएसपी के हजारों एकड़ भूमि पर नेवई, उमरपोटी, टंकी व स्टेशन मरोदा के भूमि में कब्जेदार अवैध दुकान एवं मकान बनाकर रह भी रहें हैं। बेच भी रहे हैं। पूरा खुर्सीपार सेक्टर अवैध कब्जेदारों से पटा है। उतई रोड, पॉवर हाउस से जोन-3 तक व्यापार करने वालों की भरमार है। बीएसपी की इन सारी जमीनों की रक्षा के लिए ही पीपी एक्ट है। फिर बीएसपी प्रबंधन, नगर सेवाएं विभाग इन सभी पर पीपी एक्ट के तहत कार्यवाही कर उन्हें बेदखल क्यों नहीं कर रही है? आज तक उनसे होने वाली अरबों खरबों की नुकसानी एवं राजस्व हानि की भरपाई के लिए टीम क्यों नहीं भेजी जा रही है। और इन सबके लिए जिम्मेदार कौन है? इस राष्ट्रीय सम्पति की लूट एवं उससे होने वाले राष्ट्रीय क्षति की गणना भिलाई की जनता जवाब जानना चाहती है।