रायपुर। शनिवार को पिकनिक मनाने सिरपुर गए भारत माता स्कूल के नौवीं के दो छात्र हीरापुर के खुशदीप सिंह संधू (14) और कुम्हारी के अमन शुक्ला(14) की महानदी में नहाते समय डूबने से हुई मौत को लेकर रविवार को भी दिन भर तनाव के बीच हंगामा चलता रहा। परिजनों और पालकों ने पिकनिक पर गए शिक्षकों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के साथ ही 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग रखी। रविवार दोपहर फिर से परिजन और पालक स्कूल के सामने एकत्र होकर सड़क पर बैठकर चक्काजाम की कोशिश करने लगे। मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने समझाइश देकर उन्हें शांत कराया। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम में स्कूल प्रबंधन, मृत बच्चों के परिजनों और पालकों की बैठक रखी गई। तीन घंटे तक चली इस बैठक में स्कूल प्रबंधन ने शिक्षकों की गलती से हादसा होना स्वीकार किया। बैठक में मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा राशि 16-16 लाख रुपये देने पर सहमति बनी। शाम को स्कूल प्रबंधन ने विधायक विकास उपाध्याय के आवास पर परिजनों को चेक सौंपा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की है। यह राशि एक-दो दिन में प्रशासन, परिजनों को सौंपा देगा।
हंगामे की आशंका से फोर्स रही तैनात
पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक में हंगामे की आशंका को ध्यान में रखकर भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दिया गया था। गेट पर जवान आने वालों को पूछकर ही भीतर जाने दे रहे थे। बैठक से मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया। अफसरों का कहना था कि माहौल खराब न हो, इसलिए केवल स्कूल प्रबंधन और पालकों को ही बैठक में शामिल किया गया है। बैठक में एएसपी क्राइम पंकज चंद्रा, एसडीएम प्रणव सिंह, एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल, सीएसपी आजाद चौक नसर सिद्दीकी, अजय शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जमकर निकाली भड़ास
बैठक में पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलकर जमकर भड़ास निकाली। परिजन इस जिद पर अड़े थे कि जब तक आरोपित शिक्षकों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वे अपने बच्चों का अंतिम संस्कार तक नहीं करेंगे। यहां तक कि दोनों बच्चों के परिजनों ने अपने बच्चों के शव वाहन को स्कूल के सामने खड़े कर दिए थे। कई घंटों की गहमागहमी के बाद स्कूल प्रबंधन ने जब यह स्वीकार किया कि बच्चों की मौत के लिए शिक्षकों की लापरवाही जिम्मेदार है, तब जाकर माहौल शांत हुआ। इसके बाद अमन शुक्ला के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजन लेकर कुम्हारी चले गए। वहीं खुशदीप सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। उसके परिवार के लोग, रिश्तेदार अभी यहां नहीं पहुंचे हैं।
शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाने की प्रथा होगी बंद- विधायक
विधायक विकास उपाध्याय ने बैठक के बाद बताया कि दोनों पक्षों के बीच बैठक में स्कूल प्रबंधन ने गलती मानी है। वे मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा दे रहे हैं। शिक्षामंत्री से मिलकर वे स्कूल द्वारा बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर ले जाने की प्रथा को बंद कराने की मांग करेंगे। बच्चों की सुरक्षा को लेकर कड़ा पत्र लिखा जाएगा।
हम संतुष्ट हैं-रंधावा
हरदीप सिंह रंधावा ने बताया कि कल से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हमारी लड़ाई चल रही थी। बैठक में स्कूल प्रबंधन ने सुरक्षा की चूक स्वीकार की है। आगे से ऐसी गलती न करने की बात कही हैं। तुमगांव थाने में प्रबंधन पर केस भी दर्ज किया गया है। मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिलाया गया है। हमारी मांगें मान लगी गईं, हम संतुष्ट हैं। पिकनिक पर बच्चों को ले जाने की प्रथा बंद होनी चाहिए। पालकों का कहना है कि दोनों मासूमों को लौटाया तो नहीं जा सकता, लेकिन यह घटना न केवल भारत माता स्कूल, बल्कि सभी निजी स्कूलों के लिए एक सबक है, ताकि किसी का घर-आंगन सूना न हो जाए।
बिलखते हुए परिजनों ने दी अमन को अंतिम विदाई
कुम्हारी सुबह से ही मातम में डूबी थी। रविवार को सुबह से ही पीड़ित परिवार के घर भीड़ जुटने लगी थी। बदहवास परिवार अपने लाडले के लिए रात भर सोया नहीं था। सुबह से ही मृत अमन का इंतजार शुरू हो गया था। कुम्हारी की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तो पूरी तरह शोक में डूबी थी। शुक्ला परिवार को धैर्य बंधाने आए सारे लोग अमन की तारीफ कर रहे थे। अमन के जाने का अफसोस इस कदर था कि उसके घर मौजूद महिलाएं अपने आंसू नहीं रोक पा रही थीं। दोपहर तक अमन के शव का इंतजार होता रहा। रविवार साढ़े तीन बजे अमन का शव कुम्हारी पहुंचा। अमन का शव देखकर एक बार फिर मां और भाई बेसुध हो गए। पिता प्रदीप शुक्ला को किसी तरह से लोगों ने संभाला। रिश्तेदार और पड़ोसियों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। शाम को अमन की अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग जुटे थे। कुम्हारी मुक्तिधाम में गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।