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सरगुजिहा ठंड के तेवर नहीं दिखाई दे रहे…

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नवम्बर के अंतिम सप्ताह में भी सरगुजिहा ठंड के तेवर नहीं दिखाई दे रहे है। आसमान में बादल छाए रहने के कारण दिन और रात का औसत तापमान क्रमश: 4 और 2 डिग्री अधिक है। इस वजह से ठंड का अहसास अपेक्षाकृत कम है। अमूमन नवम्बर के अंतिम सप्ताह में सरगुजा में कड़ाके की ठंड पड़ती है। लेकिन इस बार मौसम बदला-बदला सा नजर आ रहा है। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि नवम्बर के आरम्भ में कायर, महा और बुलबुल जैसी शक्तिशाली चक्रवाती तूफानों के बाद किसी विशेष महासागरीय परिघटनाओं के आकार न लेने तथा दुर्बल पश्चिमी विक्षोभों की उत्तर भारत में लगातार सक्रियता के प्रभाव के कारण मध्य भारत में नमी एवं वायु प्रवाह बाधित रही है। 15 नवम्बर से उत्तर भारत से कुछ शुष्क हवाएं चलनी प्रारम्भ हुई थी तो अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान गिरकर 23 नवम्बर को 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। इस बीच पछुआ विक्षोभों की लगातार उपस्थिति जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब आदि राज्यों में देखी गयी। उत्तर भारत के आसमान पर लगातार बादलों की आवा-जाही से मध्य भारत मे वायु प्रवाह कम हो गया। शुष्क हवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण नवम्बर के उत्तरार्ध में न्यूनतम तापमान में उछाल आया और पिछले दो तीन दिनों से अम्बिकापुर का न्यूनतम तापमान दैनिक औसत न्यूनतम से चार डिग्री तक अधिक बना हुआ है। हालांकि उच्च स्तरीय बादलों की उपस्थिति के कारण अधिकतम तापमान में अपेक्षाकृत वृद्धि कम रही है।

दो-तीन दिनों से अधिकतम तापमान दैनिक औसत से लगभग दो डिग्री सेल्सियस ऊपर बना हुआ है। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल सहित उत्तराखंड और उत्तरी उत्तरप्रदेश के ऊपर बादल बने हुए हैं। जिसके कारण अम्बिकापुर के न्यूनतम और अधिकतम दोनों तापमानों पर आगामी दो तीन दिनों तक कोई कमी आती नहीं दिख रही है।

इस वर्ष अम्बिकापुर का माह नवम्बर का औसत न्यूनतम तापमान 2010 के बाद सर्वाधिक 14.4 डिग्री के शिखर मान पर बना हुआ है। अम्बिकापुर का नवम्बर में रिकॉर्ड औसत उच्च न्यूनतम 1997 में 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ठंड कम होने के कारण गर्म कपड़ों का व्यवसाय भी जोर नही पकड़ पा रहा है।

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