आंगन में बेफिक्र खेल रही सवा साल की बच्ची की जान उस वक्त आफत में पड़ गई, जब अचानक उसे एक सुअर अपने जबड़ों में दबोचकर भागने लगा। अभी-अभी घर से निकलकर उसकी दादी भी डेहरी पर बैठी थी कि यह नजारा देख उसकी भी सांस अटक गई। मासूम की चीख सुनकर माता-पिता व मोहल्ले के लोग मदद को पहुंचे और वहीं का एक पालतू कुत्ता भी उसके पीछे भागा। श्वान की वफादारी काम आई और उसके भौंकने की तेज आवाज से डरकर विचलित सुअर बच्ची को वहीं छोड़ भाग निकला। तब जाकर परिजन व बस्ती के लोगों की जान में जान आई। बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात की यह घटना इमलीडुगगू बस्ती का है, जहां महज सवा साल की बालिका आरती जब घर के आंगन में खेल रही थी, तो अचानक हमलावर हुए एक सुअर ने झपट्टा मारकर उसे दांतों में दबोच लिया भागने लगी। बच्ची की चीख सुनकर माता-पिता भी दहशत में आ गए और मदद के लिए पीछे भागने लगे।
इस बीच मोहल्ले का एक कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा और वह भी सुअर की ओर दौड़ पड़ा। कुत्ते की गुर्राहट से सुअर डरकर विचलित हो गया और बालिका आरती को छोड़ वहां से भाग निकला। इस घटना से बच्ची के सिर, हाथ व कान में जख्म के निशान बन गए हैं। मोहल्ले में इस तरह की घटना सामने आने से बस्ती के लोगों में सूअर को लेकर भय व्याप्त है। यह पहली बार नहीं है जो इस सुअर ने किसी पर हमला करने की कोशिश की है। पखवाड़े भर पहले भी इमलीडुग्गू क्षेत्र की कुछ महिलाओं को उसने दौड़ाया और काटने की कोशिश की थी। तभी से इस सुअर को लेकर क्षेत्र में दहशत और उसके मालिक के प्रति नाराजगी का माहौल है। बताया जा रहा कि अचानक हमला हुआ, सुअर सीतामण्ढ़ी में रहने वाले किसी व्यक्ति का है। उन्हें डर है कि कहीं फिर से हमला न हो जाए और लोगों की जान आफत में पड़े, इसलिए वे चाहते हैं कि सुअर के मालिक पर अपेक्षित कार्रवाई हो और सुअर को खुला न छोड़ा जाए।