रायपुर। राशन कार्ड और उचित मूल्य की दुकानों के तीन रंग पर प्रदेश में रार मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने तीन रंग को कांग्रेस के झंडे के रंग से जोड़कर कहा है कि योजनाओं का राजनीतिकरण गलत परिपाटी की शुरुआत है। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन के बयान को तिरंगा झंडा का अपमान बताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे। मौजूदा प्रदेश सरकार ने नया बीपीएल और एपीएल कार्ड प्रिंट कराया है, जिसका रंग केशरिया, सफेद और हरा रखा गया है।
अब खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने यह निर्देश भी जारी कर दिया है कि सभी उचित मूल्य की दुकानों को भी तीन रंग में कर दिया जाए। इस पर सिसायत शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने के बाद से 11 महीने में जिस तरह से सरकारी योजनाओं का राजनीतिकरण हो रहा है, वह गलत है। उचित मूल्य की दुकानों की तीन रंग में पुताई भी खाद्यान्न् योजना का राजनीतिकरण ही है। रमन ने सीे तौर पर राशन कार्ड और उचित मूल्य की दुकानों के तीन रंगों को कांग्रेस के झंडे का बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साा है। उनके बयान का जवाब मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर दिया है। तीन रंगों को देश के राष्ट्रीय ध्वज से जोड़ते हुए रमन के बयान को तिरंगा झंडा का अपमान बताया है।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने भी इस मुद्दे पर कहा कि उनकी (भाजपा) सरकार में तो राशनकार्ड ही नहीं सरकारी भवन और वाहन भी दो रंगों में रंगा जाता था। उस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री की तस्वीर रहती थी। हम तो तिरंगा के रंग का उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें आपत्ति क्यों है? तिरंगे की सियासत में प्रदेश कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल भी कूद पड़ा है। रमन के वीडियो के साथ यह पोस्ट किया जा रहा है कि रमन ने तिरंगा का विरो किया है। भाजपा बताए क्या वे आरएसएस के इशारे पर तिरंगे का विरो कर रहे हैं? अमित शाह और नरेंद्र मोदी जवाब दें, क्या वो रमन के तिरंगा विरो का समर्थन करते हैं? तिरंगा इस देश की आन-बान-शान है। तिरंगा न उनको आजादी के समय मंजूर था और न आज मंजूर है। कांग्रेस का विरो करते-करते देश और संविान का विरो करने वालों को ईश्वर सद्बुद्धि दे। हे राम!