विवाह योग्य युवक-युवतियों के माता-पिता को अपनी संतानों का ब्याह रचाने के लिए आने वाले साल में कम मुहूर्त मिलेंगे। इसके चलते वैवाहिक भवनों को बुक कराने समय से काफी पहले ही अभिभावकों में होड़ मचेगी। कम मुहूर्त होने से ज्यादातर अभिभावक चाहेंगे कि उन्हें विवाह कार्य संपन्न करवाने के लिए भवन के लिए भागदौड़ न करनी पड़े। बीते सालों में अमूमन हर साल 65 से लेकर 80 दिन तक श्रेष्ठ मुहूर्तों में शादियां होती रही है। पिछले साल 2019 में विवाह के लगभग 119 मुहूर्त पड़े थे लेकिन अब आने वाले साल 2020 में मात्र 52 मुहूर्तों में ही शहनाई बजेगी और फेरे लिए जा सकेंगे।
ज्योतिषी डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार बीते आठ नवंबर को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने के साथ भले ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो चुकी है, किन्तु देवउठनी एकादशी पर सूर्य के तुला राशि में होने के कारण एक सप्ताह तक विवाह के लिए मुहूर्त श्रेष्ठ नहीं थे। अब 19 नवंबर से विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 19 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच 12 मुहूर्त हैं। इसके बाद 13 दिसंबर से खरमास लगने के कारण एक माह के लिए शुभ कार्यों में फिर ब्रेक लग जाएगा। साल 2020 में 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर खरमास का समापन होगा। इसके अगले दिन 15 जनवरी से मुहूर्त शुरू होंगे। मौजूदा साल 2019 की अपेक्षा अगले साल जनवरी से दिसंबर तक मात्र 52 मुहूर्त ही विवाह के लिए मिलेंगे। इनमें से भी सबसे अधिक मुहूर्त पहले दो माह यानी जनवरी और फरवरी में पड़ रहे हैं। पिछले तीन सालों के शुभ मुहूर्तों को देखें तो साल 2019 में सबसे ज्यादा 119 मुहूर्त रहे। इसके पहले 2018 में 60 दिन और 2017 में 58 मुहूर्त थे। इसके पहले के सालों में 65 से लेकर 80 तक मुहूर्त रहे हैं।