बिलासपुर जिला अस्पताल में जांच कराने पहुंची महिला को अचानक प्रसव शुरू हो गया। इस दौरान परिजन डॉक्टरों से मदद मांगते रहे लेकिन कोई भी तैयार नहीं हुआ। ऐसे में नर्सों ने ओपीडी के फर्श पर ही प्रसव कराया। इसके 20 मिनट बाद ही महिला को ओटी पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिल पाया। वहां महिला ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। रतनपुर के ग्राम जोगी अमलाई निवासी मोहित राम अपनी गर्भवती पत्नी अनुसुइया बाई (30) की जांच कराने मंगलवार की सुबह 11 बजे लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। गर्भधारण के साढ़े आठ माह पूरे होने पर डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराने की सलाह दी थी। ऐसे में मोहित ने पत्नी को अन्य परिजन के साथ ओपीडी में बिठाया और सोनोग्राफी की जानकारी लेने चला गया। तभी अनसुइया को प्रसव पीड़ा होने लगी।
वह दर्द से कराहने लगी और जमीन पर लेट गई। उसका प्रसव होने लगा, जिसे देखकर परिजन घबरा गए। वे डॉक्टर की तलाश करने लगे। उस समय ओपीडी के सभी कक्ष पर डॉक्टर बैठे हुए थे। परिजन उनके पास गए पर किसी ने मदद नहीं की। आपात स्थिति होने के बाद भी सभी डॉक्टर कहते रहे कि प्रसूता को स्त्री रोग विशेषज्ञ देखेंगे। इसकी जानकारी मिलने पर आपातकालीन में ड्यूटी कर रही नर्सें तुरंत पहुंची और ओपीडी में ही प्रसव कराया। इस दौरान महिला ने एक लड़की को जन्म दिया। इसके बाद भी अनसुइया की तकलीफ कम नहीं हुई। नर्सों ने उसे तत्काल ओपीडी पहुंचने स्ट्रेचर लाने को कहा। लेकिन ओपीडी में कोई वार्ड ब्वाय नहीं था। परिजन वार्ड ब्वाय की तलाश करते रहे। 20 मिनट बाद स्टेचर मिलने पर महिला को लेकर परिजन मातृ-शिशु अस्पताल जाने लगे। तभी फिर प्रसव शुरू हो गया। किसी तरह अनसुइया को ओटी पहुंचाया गया। वहां उसने बच्चे को जन्म दिया। इस घटना के दौरान कोई भी डॉक्टर अनुसुइया को देखने नहीं आया। बाद में जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि मां और दोनों शिशु की सुरक्षित हैं।
मां को प्रसूता वार्ड और दोनों नवजात को शिशु गहन चिकित्सा यूनिट में रखा गया है। अनुसुइया की पहले से दो बेटियां हैं। लकड़े की चाहत में दंपती तीसरा बच्चा लेना चाह रहे थे। लेकिन इस बार जुड़वा बच्चे हो गए। मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले पति को अब चार संतान की जिम्मेदारी उठानी होगी। मोहित राम ने बताया कि डॉक्टर ने सोनोग्राफी जांच के लिए लिखा था। सोनोग्राफी सेंटर जाने पर पता चला कि जांच बंद है। उसे इंतजार करने या बाहर निजी सेंटर से जांच कराने को कहा गया। जबकि निजी सेंटर का शुल्क देने के लिए उसके पास रुपये ही नहीं थे। ओपीडी में प्रसव होने की जानकारी मिली है। नर्सों की टीम ने सुरक्षित प्रसव कराया है। मां और दोनों नवजात सुरक्षित हैं। अचानक प्रसव शुरू हो गया था, इसमें किसी की गलत नहीं है।