रायपुर। ठंड की दस्तक के साथ ही स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट मोड में आ गया है। क्योंकि इनके वायरस अब सक्रिय होने लगे हैं। ऐसे में संभावित मरीजों को ट्रैक करने के लिए सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इन स्वास्थ्य केंद्रों में स्वाई फ्लू के लक्षणों की जांच करने वाले किट वीटीएम यानी वॉयरल ट्रांसपोर्ट मिडियम की आपूर्ति भी शीघ्र कर दी जाएगी। करीब 50 हजार से अधिक किट भी मंगा ली गई है, जिसे जरूरत हिसाब से सरकारी अस्पतालों को पहुंचा दिए जाएंगे। क्योंकि हर साल ठंड शुरू होते ही स्वाइन फ्लू के वायरस राजधानी सहित पूरे जिले में सक्रिय हो जाते हैं। इसकी चपेट में आने से हर साल मौतें भी होती हैें। ऐसे में फ्लू को कंट्रोल करने के लिए ग्रामीण अंचलों में लोगों को जागरूक करने के लिए मितानिनों की मदद ली जाएगी। ताकि समय रहते संभावित स्वाइन फ्लू के मरीजों की जांच कर इलाज के लिए आंबेडकर सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में रेफर करने के निर्देश दिए हैं। वैसे न्यूनतम तापमान इस समय वर्तमान में 17 डिग्री सेल्सिएस तक पहुंच गया है।
इसके 11 से 14 डिग्री सेल्सिएस तक आने पर एच-वन, एन-वन वायरस का अटैक बढ़ जाता है। लेकिन इस बीच अब फ्लू ने अपनी प्रकृति ही बदल ली है, क्योंकि अब ये वायरस सामान्य तापमान में सक्रिय होने लगे हैें। ऐसे में इस बार ठंड में इसके प्रकोप का खतरा बढ़ने की संभावना है। अंबेडकर और जिला अस्पताल के फ्लू के आइसोलेटेड वार्ड को अपडेट किया जा चुका है। जहां संभावित फ्लू के मरीज भर्ती लिए जाएंगे। प्रबंधन के मुताबिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ऐसे मरीजों को जनरल वार्ड में लाया जाता है। रिपोर्ट आने में कम से कम 72 घंटे का समय लगता है। वैसे शुरुआती दौर में वायरल की पहचान हो जाती है। प्रदेश में तीन फ्लू की जांच के लिए तीन लैब के सेंटर हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज रायपुर और एम्स के अलावा जगदलपुर में ही लैब हैं। बाकी अन्य निजी अस्पताल जांच के लिए प्रदेश से बाहर भेजते हैं। ऐसे में अधिकांश मरीज फ्लू की शिकायत होने में निजी अस्पतलों में इलाज कराते हैं। इनके लैब में करीब 697 सैंपल भेजे गए थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक जनवरी से लेकर अभी तक तक पूरे प्रदेश में 140 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव रही। इससे मृतकों की संख्या 26 है। इसमें सबसे अधिक रायपुर में आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें कुछ निजी लैब की रिपोर्ट को शामिल नहीं किया गया है। बिलासपुर में पांच, धमतरी और राजनांदगांव में 4-4 मरीजों की मौतें हुई हैं।