इंदौर।Electricity for Farmers खेती के लिए इंदौर जिले के लिए जारी बिजली कंपनी(Power Company) का शेड्यूल किसानों की दिनचर्या बिगाड़ रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे सिंचाई के लिए जागें या सेहत के लिए सोएं। बिजली मिलती भी है तो वोल्टेज इतना कम होता है कि मोटर दम नहीं भरती। किसान अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो वे यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि शेड्यूल पूरे मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के लिए जारी हुआ है, वे कुछ नहीं कर सकते। अधिकारियों के मुताबिक, सतत 10 घंटे बिजली दे पाना संभव नहीं, इसलिए दो शेड्यूल बनाए हैं। खेत में पानी देना है तो ठीक से नींद नहीं ले सकते बिजली कंपनी के शेड्यूल से किसान चार से पांच घंटे नींद ले पा रहे हैं। गांव सनावद के लक्ष्मीनारायण पंवार, तोलाराम, जगदीश का कहना है कि निर्धारित समय में भी कई बार बिजली आती-जाती रहती है या सप्लाई देरी से शुरू होती है। इस वजह से भी किसान सिंचाई नहीं कर पाते हैं। सहायक यंत्री एमएस सिकरवार ने कहा, सिंचाई के लिए दो शिफ्ट में बिजली दी जा रही है। किसानों को 10 घंटे बिजली देना संभव नहीं।
सिंचाई के लिए रातभर जाग रहे किसान ग्राम मुरखेड़ा के विजय नागर, प्रदीप पाटीदार ने बताया कि शेड्यूल की वजह से किसान को न दिन में राहत है, न रात की नींद पूरी हो पा रही है। ग्राम खजराया के मुकेश पटेल ने बताया कि पहले सुबह छह से दोपहर 12 बजे और शाम को छह बजे से रात 10 बजे तक सप्लाई की जाती थी। देपालपुर के सहायक यंत्री अभिषेक रंजन के मुताबिक विद्युत सप्लाई का शेड्यूल जिला स्तर पर निर्धारित होता है। इसी के मुताबिक सप्लाई की जाती है। सर्दी को देखते हुए बिजली कंपनी समय बदले केसरपुरा के बैनीवाल ने बताया कि बिजली की फिलहाल दिक्कत नहीं है। नयागांव के लाभचंद धाकड़ ने बताया कि सर्दी के समय को देखते हुए दिन के समय बिजली दी जाना चाहिए। जिले में किसानों को सिंचाई के लिए करीब 10 घंटे बिजली दी जा रही है, 6 घंटे दिन में और 4 घंटे रात। अधीक्षण यंत्री आरके नायर ने बताया कि जिले में 10 घंटे बिजली दे रहे हैं। अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। कृषि के लिए दी जाने वाली बिजली में फिलहाल दो प्लान लागू हैं। अपनी सुविधा अनुसार इन विकल्पों का उपयोग कर बिजली ले सकते हैं। किसान सतत दस घंटे बिजली ले लें, लेकिन इसमें 15 दिन या दस दिन दिन में बिजली मिल पाएगी और दस या पंद्रह दिन रात में। 6 घंटे दिन व चार घंटे रात में। इसमें भी प्लान ए और बी बनाए गए है।