जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) प्रशासन ने होस्टल रूम चार्ज में भारी बढ़ोत्तरी की तो विद्यार्थियों ने जमकर बवाल मचाया और बड़ा गतिरोध पैदा हो गया, लेकिन इस वृद्धि के बाद भी यहां होस्टल फीस देश के कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे कम है। जेएनयू (JNU) में हाल में ही सिंगल रूम का शुल्क 20 रु. से बढ़ाकर 600 रुपए महीना और 7200 रुपए सालाना किया गया था। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की ही बात करें तो उसके किसी भी कॉलेज के होस्टल की औसत होस्टल फीस 40 से 50 हजार रु. सालाना से कम नहीं है। जेएनयू में होस्टल रूम (Hostel Room) चार्ज सबसे कम होने की झलक ऊपर मिल चुकी है, लेकिन यह इससे भी सस्ता तब पड़ता है, जब एक रूम में दो छात्र रहते हों।
डबल ऑक्यूपेंसी रूम का किराया 10 रु. महीना था, जिसे बढ़ाकर 300 रुपए किया गया है। नई दरों से सिंगल ऑक्यूपेंसी रूम का सालाना किराया 7200 रुपए सालाना हो गया। इसमें भी स्थापना शुल्क 1100 रु. प्रति सेमेस्टर व सालाना शुल्क 2200 रुपए शामिल है। इसके अलावा सिर्फ क्रॉकरी के 250 रु. व अखबारों के 50 रुपए देना होते हैं। इस तरह सिंगल रूम के कुल 9700 रु. सालाना चुकाना होंगे। वहीं डबल रूम के लिए कुल 6100 रुपए चुकाने होंगे। जेएनयू के विपरीत दिल्ली यूनिवर्सिटी की ही बात करें तो 1922 में बना यह विवि देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। इसके 14 संकाय व 86 अकादमिक विभाग हैं। इससे 79 कॉलेज संबद्ध हैं और देशभर के 2,20,000 से ज्यादा विद्यार्थी इनमें पढ़ते हैं।
डीयू के एक समान होस्टल चार्ज नहीं हैं।लेकिन इसके जिन कॉलेजों में होस्टल हैं, उनकी फीस 40 से 50 हजार रुपए सालाना है। प्रसिद्ध सेंट स्टीफन कॉलेज की ही बात करें तो इसके होस्टल का शुल्क अधिकतम 60 हजार रुपए है। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया, जो श्रेष्ठ रिसर्च स्कॉलरों का हब व मास मीडिया का श्रेष्ठ केंद्र माना जाता है, के होस्टल की फीस 30 हजार रु. सालाना है। देश के सबसे पुराने विवि में से एक हजारों विद्यार्थियों के केंद्र बनारस के बीएचयू में भी सालाना 27 हजार रुपए होस्टल फीस ली जाती है, लेकिन इसे लेकर विद्यार्थियों ने कभी विरोध नहीं किया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बात करें तो वहां भी जेएनयू की तरह कम होस्टल शुल्क लिया जाता है, लेकिन वह भी 14,400 रु. सालाना है, जो कि जेएनयू से अधिक है।