भोपाल। आईएएस अफसरों और शहर के बड़े लोगों का अरेरा क्लब राजधानी में जिस भवन में चल रहा है, उसकी लीज चार साल पहले खत्म हो चुकी है। 31 मार्च 2015 से लीज का नवीनीकरण नहीं हुआ है। बीच में एक विवादास्पद मामले में क्लब का नाम आने के बाद भवन की लीज नवीनीकरण की फाइल मंत्रालय में दौड़ पड़ी है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरके मेहरा ने 11 नवंबर को अभिमत भी दे दिया है। इसमें 15 साल के लिए लीज नवीनीकरण एक रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पुरानी शर्तों के आधार पर करने की बात कही गई है। सूत्रों के मुताबिक 31 मार्च 2015 को अरेरा क्लब भवन की लीज अवधि समाप्त होने के बाद बिना नवीनीकरण के संचालित हो रहा है। नवीनीकरण के लिए क्लब के सचिव ने आवेदन भी दिया है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके मद्देनजर लोक निर्माण विभाग ने प्रमुख अभियंता कार्यालय से पूरी जानकारी के साथ अभिमत मांगा था।
प्रमुख अभियंता ने 11 नवंबर को अपना अभिमत विभाग को भेजा। इसमें बताया गया कि नौ जनवरी 1962 में सचिव अरेरा क्लब के नाम से शासकीय अरेरा क्लब भवन 10 साल के लिए आवंटित किया गया था। एक मार्च 1975 से क्लब का किराया एक रुपए प्रतिमाह तय किया गया और इसके रखरखाव पर होने वाले खर्च को क्लब से वसूल करने का निर्णय लिया गया। एक अप्रैल 1975 को लीज डीडी भरवाई गई। 1985 में अनुबंध समाप्त होने के बारे में लिखा गया। इसके बाद फिर नवीनीकरण किया गया। यह अवधि 31 मार्च 2015 को समाप्त हो गई। इसके बाद से नवीनीकरण नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि लीजनवीनीकरण का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। सूत्रों का कहना है कि क्लब को भवन एक रुपए प्रतिमाह की दर से ही देने का प्रस्ताव है। भवन के रखरखाव पर होने वाला खर्च क्लब ही उठाएगा। इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाएगा और स्वामित्व लोक निर्माण विभाग का ही रहेगा।