अंबिकापुर । नगर के गोधनपुर मोहल्ले में 12 वर्षीय आदिवासी बालिका को अमानुषिक यातना दी गई। महज 10 रुपये का बिस्किट खरीदकर घर ले आने पर परिवार के महिला सदस्यों ने इतनी पिटाई कर दी कि भयवश वह रात में मकान मालिक के छत से होकर पड़ोसी के छत में सोई रही। सुबह सूचना पर गांधीनगर पुलिस ने बालिका को सीडब्ल्यूसी के हवाले किया। बयान दर्ज करने के बाद बालिका को बालिका गृह के संरक्षण में दिया गया है।
नगर के गोधनपुर मोहल्ले में निवास करने वाले ईंट भट्ठा संचालक द्वारा गृह क्षेत्र राजपुर इलाके के एक गांव की 12 वर्षीय आदिवासी बालिका को घरेलू कामकाज कराने के उद्देश्य से रखा गया था। बताया जा रहा है कि घर में कामकाज के दौरान बालिका को 10 रुपये मिले थे। उससे वह बिस्किट खाने की इच्छा परिवार के सदस्यों के समक्ष जताई थी। उस दौरान ईंट भट्ठा संचालक भी मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में ही परिवार के महिला सदस्यों ने बिस्किट खरीदकर न लाने चेताया था। ईंट भट्ठा संचालक द्वारा परिजनों को समझाइश भी दी गई थी कि यदि 10 रुपए का बिस्किट वह खा भी ले तो क्या फर्क पड़ता है। इसके बाद ईंट भठ्ठा संचालक घर से चले गए। मासूम बालिका भी बिस्किट खरीदकर ले आई।
तब परिवार के महिला सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। बालिका को इस कदर पीटा गया कि वह सहम गई और रात को छिपने की मंशा से कंबल लेकर छत में चली गई। वहां भी पकड़े जाने के भय से ही संभवतः उसने पड़ोसी के छत में शरण ले ली थी। सुबह जब पड़ोसी के परिवार के सदस्य सो कर उठे तो अनजान बालिका को छत में सोता देखा। उन्होंने सूचना दी तो गांधीनगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस ने बालिका को सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द कर दिया। बालिका ने मारपीट किए जाने की जानकारी दी है। सीडब्ल्यूसी ने बयान के बाद बालिका को बालिका गृह प्रबंधन के सुपुर्द कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है। सीडब्ल्यूसी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।