Home छत्तीसगढ़ बालपन को बर्बादी की राह पर जाने से बचाने की नेक पहल…

बालपन को बर्बादी की राह पर जाने से बचाने की नेक पहल…

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अंबिकापुर। गरीब परिवार के कम उम्र के बच्चे शिक्षा की धारा से जुड़ें, उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास हो, ऐसे बच्चों की पहचान के साथ उन्हें स्कूल तक दाखिले का बीड़ा नमनाकला के जागरूक युवाओं ने उठाया है। शिक्षा की धारा से दूर ऐसे बच्चों की मंशा को भांपने के बाद उन्हें स्कूल पहुंचाने की पहल भी शुरू कर दी गई है। सोमवार को ऐसे ही सात बच्चों को केदारपुर स्कूल पहुंचाकर उनकी उम्र के अनुरूप कक्षा दूसरी से चौथी में दाखिला दिलाया गया। बिना किसी बैनर तले चंद युवकों के द्वारा बालपन को बर्बादी की राह पर जाने से बचाने की नेक पहल शुरू की गई है, ताकि युवा अवस्था में पहुंचने के बाद भी इनमें उच्च शिक्षा की ललक बनी रहे और इनका भविष्य उज्ज्वल हो। युवाओं की यह टीम ऐसे भी लड़के लड़कियों की पहचान में जुट गई है, जो किसी कारणवश आठवीं-दसवीं तक शिक्षा लेने के बाद आगे की पढ़ाई नही कर पाए।

ऐसी तीन लड़कियों का नाम इनके समक्ष आया है, जिन्हें ओपन परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि के पूर्व कक्षा 10वीं, 12वीं का फार्म भरवाने की तैयारी की जा रही है। नमनाकला के अलंकार तिवारी, कृष्णा शर्मा, चंदू साहू, अजय सिंह की यह सोच हाल में उस समय विकसित हुई, जब वे नमनाकला मोहल्ले में बैठकर आग ताप रहे थे। आग जलते देख पॉवर हाउस के पास रहने वाले कुछ बच्चे भी आ गए, जिनमें से कुछ मैले कपड़े, तो कुछ बिना गर्म कपड़े और चप्पल के ठिठुर रहे थे। बच्चों को दूर से आग का ताप लेते देख इन्होंने आग के करीब आकर बैठने के लिए कहा। बातचीत में बच्चों ने बताया कि वे स्कूल नहीं जाते हैं। कुछ बच्चों ने इधर-उधर काम करने पर 10-20 रुपये मिलना बताया। इन बच्चों में किसी के परिजन शाम ढलने के पहले ही शराब में मदमस्त हो जाते, तो कोई बूढ़ी मां की बीमारी में रुपये खर्च होने की स्थिति में बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ था।

इन हालातों को सुनने के बाद युवाओं ने पहले तो इनके परिजनों से संपर्क किया और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। अभिभावकों को यह भी बताया गया कि कम उम्र के बच्चों से काम करवाना या काम लेना बाल श्रम की श्रेणी में आता है। इन्हें स्कूल से निःशुल्क गणवेश और किताब दिलवाने का भरोसा दिलाने के बाद सोमवार को सभी बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे और इन्हें किताब-कॉपी, स्कूल ड्रेस दिलवाकर मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित किया। केदारपुर स्कूल में प्राथमिक शिक्षा के लिए जिन बच्चों को दाखिला दिलाया गया है, उनमें छह बच्चे दो परिवार के हैं। इनमें से एक भी बच्चे स्कूल नही जाते हैं। युवाओं की टीम ने करीना मिश्रा 5 वर्ष, रीना मिश्रा 10 वर्ष, भोला 10 वर्ष, सागर सिदार, आकाश सिदार, सुमित्रा सिदार, किशन गिरी को स्कूल में प्रवेश दिलाया है। युवाओं ने जिन बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया है, वे रोजाना स्कूल जा रहे हैं या नही इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए निःशुल्क कोचिंग देने की भी मंशा है।

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