रायपुर। कोरबा में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर चुके हैं। यही वजह है कि तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) स्तर पर ड्राफ्ट तैयार हो चुका है जो जल्द स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव में 100 एमबीबीएस की सीट के मुताबिक अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं, कॉलेज खोलने के लिए जरूरी साधन-संसाधन,बजट, स्टाफ की जरूरत समेत सभी बिंदु को समाहित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक कॉलेज खोलने के लिए यहां संचालित इंजीनियर कॉलेज को चिन्हित किया गया है। कलेक्टर भवन देने तैयार हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज के लिहाज से यह भवन बड़ा है, सीपेट के खाली पड़े भवन में इंजीनियर कॉलेज को शिफ्ट किए जाने का विकल्प मौजूद है। सूत्रों के मुताबिक कवायद काफी आगे बढ़ चुकी है।
डीएमई डॉ. एसएल आदिले, सचिव बारीक और खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोरबा अस्पताल से लेकर तमाम उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण व समीक्षा कर चुके हैं। बतां दें कि केंद्र सरकार एमबीबीएस की सीट बढ़ाना चाहती है, इसके लिए जिला अस्पतालों का उन्यनन करने का प्रस्ताव है। जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के मानकों पर खरे उतरेंगे उन्हें मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। अभी राज्य से कोरबा का नाम सबसे आगे है। कांकेर, महासमुंद को लेकर भी चर्चा है। कोरबा जिला अस्पताल- यहां 130 बिस्तर का अस्पताल संचालित है। ओपीडी भी अच्छी है। यह वही अस्पताल है जिसे राज्य सरकार के ‘कायाकल्प” कार्यक्रम के तहत श्रेष्ठ जिला अस्पताल का तमगा भी मिल चुका है। यहां ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर (ओटी), ब्लड बैंक, जनऔषधि दवा स्टोर जैसी सुविधाएं भी हैं। सूत्रों के मुताबिक कोरबा में डॉक्टर्स की बहुत ज्यादा कमी नहीं होगी, जैसी अंबिकापुर में है।
यहां मेडिकल कॉलेज खुलने पर डॉक्टर्स जॉइनिंग देंगे। निजी प्रैक्टिसनर हैं, जो सेवाएं देने तैयार हैं। कॉलेज खुलने की सुगबुगाहट के बीच ही इन्होंने विभाग से संपर्क करना शुरू कर दिया है। अंबिकापुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है, डॉक्टर्स इसे दूर और पिछड़ा समझते हैं। यहां साधन-संसाधन नहीं हैं। यही वजह है कि पूर्व में जिनके तबादले हुए थे, उनमें से अधिकांश लौट आए। खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि उपलब्ध है। अगर इसमें से 100 करोड़ रुपये भी हर साल कॉलेज, अस्पताल के संचालन के लिए मिलते हैं, तो इनका संचालन आसान होगा। सरकार यह फंड उपलब्ध करवाने को तैयार भी है। सरकारी– प्रदेश में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज में पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर, छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स) बिलासपुर, स्व. बलीराम कश्यप मेमोरियल मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायगढ़, अटल बिहारी बाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज आदि हैं।