ब्लैक स्पॉट के बाद अब पुलिस ने जिले में ग्रे स्पॉट को भी चिन्हित किया है। ग्रे स्पॉट वे स्थान हैं, जो आगे चलकर ब्लैक स्पॉट में तब्दील हो सकते हैं। लगातार हादसों और उसमें मौत या घायल की स्थिति को देखते हुए इसका निर्धारण किया जाता है। पुलिस ने शहर और देहात मिलाकर कुल 59 ग्रे स्पॉट का चिन्हांकन किया है। जिसमें से 30 स्पॉट पूर्व में चिन्हित थे और वहां पर इंजीनियरिंग सुधार के कार्य कराए जा चुके हैं। इसके बाद पुलिस ने और 29 नए स्पॉट को चिन्हित किया है और सुधार के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति में रखा है।
यातायात के लिहाज से पुलिस के शब्दकोश में ग्रे स्पॉट एक नया शब्द है। ब्लैक स्पॉट में ऐसे स्थानों को शामिल किया जाता है, जहां पर तीन साल में हुए सड़क हादसों में पांच या उससे अधिक मौत हुई हो या फिर 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हों। ब्लैक स्पॉट किसी भी सड़क पर 500 मीटर का एक पेच होता है, जहां पर हादसों के ग्राफ के हिसाब से उसे चिन्हित किया जाता है। उसी तरह से पुलिस ने अब ग्रे स्पॉट को भी चिन्हित किया है। इसमें भी 500 मीटर के पैच को शामिल किया गया है, लेकिन इसमें तीन साल में हुए हादसों में पांच से कम लोगों की मौत या 10 से कम गंभीर लोगों को पैमाना बनाया गया है।
जिले में पहले से 10 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां पर हादसों में लगातार मौतें हुई हैं। अभी हाल ही में पुलिस ने दसवें ब्लैक स्पॉट के रूप में गंजपारा ओवरब्रिज को शामिल किया है। इन स्थानों पर होने वाले हादसों में कमी लाकर ब्लैक स्पॉट को कम करने की प्लानिंग है, लेकिन 50 ग्रे स्पॉट ने पुलिस और अन्य विभागों की चिंता बढ़ा दी है। यातायात पुलिस द्वारा चिन्हित सभी 59 ग्रे स्पॉट की सूची एनएचएआइ, एनएच (पीडब्ल्यूडी), पीडब्ल्यूडी (दुर्ग संभाग) और बीएसपी को दी गई है। सभी एजेंसियां अपने-अपने अधिकार क्षेत्र वाले स्थानों पर इंजीनियरिंग के कार्य करेंगी।
वहां पर रोड पर कर्व बनाने, ब्लिंकर लगाने, संकेतक आदि लगाए जाएंगे। ताकी हादसों में कमी आ सके। पुलिस ने जिन स्थानों को ग्रे स्पॉट के रूप में चि-ति किया है, उनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें काफी ज्यादा अच्छी बनी है। इस कारण से वहां पर वाहनों की रफ्तार भी ज्यादा है और हादसे हो रहे हैं। जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करते हुए वहां पर जागरुकता अभियान चलाने के लिए कहा गया है। हादसों के ग्राफ के हिसाब से अभी तक ब्लैक स्पॉट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था। अब ग्रे स्पॉट भी अस्तित्व में आए हैं। वहां पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकी वहां पर होने वाले हादसों को नियंत्रित किया जा सके। इससे नए ब्लैक स्पॉट बनने की आशंका कम होगी।