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दृष्टिबाधित शिष्यों को परीक्षा की उलझनों से मुक्ति दिलाने के लिए राइटर उपलब्ध…

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शिक्षा का उजियारा सभी के जीवन में फैले इसलिए आकृति दृष्टिबाधितों को परीक्षा की उलझनों से मुक्ति दिलाने सहायक के रूप में राइटर उपलब्ध करवाती है। इससे दृष्टिबाधित छात्र भी परीक्षा में लिखने की परेशानी से मुक्त होकर अपनी स्कूली व उच्च डिग्री के सपनों को आसानी से पूरा कर रहे हैं।

सरकंडा निवासी आकृति शर्मा ने बताया कि स्कूल के दौरान वे जहां ट्यूशन लेती थी, उन्हीं टीचर से इस काम की जानकारी मिली। इससे वे काफी प्रभावित हुई। इसके बाद उन्होंने इस नेक काम में सहयोग करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि में कम से कम किसी एक दृष्टिबाधित को उनकी शिक्षा की मंजिल तक तो पहुंचा ही सकती हूं।

ऐसे में अप्रत्यक्ष रूप में यूथ संस्कार फाउंडेशन से जुड़ी और उनका सफर एक राइटर के रूप में शुरू हुआ। जब तक वे 18 वर्ष की नहीं हो गई, तब तक अप्रत्यक्ष रूप से काम किया। लेकिन, 18 वर्ष की होने के बाद संस्था से प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर काम कर रही है। आकृति को संस्था के संचालक अभय दुबे ने इस काम को करने के लिए ट्रेनिंग भी दी। अब वह स्वयं तो काम पर जुटी है, साथ ही औरों को भी प्रेरित करती है।

आकृति ने बताया कि पिछले पांच साल से वे इस काम को कर रही हैं। इसमें कक्षा आठवीं-नवमीं ने लेकर कॉलेज स्तर के छात्रों के साथ पीएचडी व कंपिटिशन एग्जाम देने वाले दृष्टिबाधित छात्रों के लिए राइटर पैनल की मदद से राइटर बनकर मदद करती हैं। संस्था की ओर से होने वाले सभी प्रकार के सेवा कार्यों में भी सहयोग करती है। इसमें दीपावली के समय दीया-तेल और मिठाइयों को झुग्गी झोपड़ी में जाकर बांटना हो या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सिलाई, ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग देना हो। सभी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है।

आकृति ने बताया कि एक राइटर के रूप में तो उनके लिए काम करते ही हैं। इसके साथ ही उनकी पढ़ाई आसान और असरदार हो इसके लिए ऑडियो बुक भी रिकार्ड करते हैं। इससे वे सुनकर आसानी से अपनी तैयारियां कर पाते हैं। आकृति अभी बीकॉम फाइनल ईयर में है। वहीं एमबीए करने की योजना बना रही हैं। इसके साथ ही कथक में डिप्लोमा भी है।

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