छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराएं जाएंगे। निकाय चुनाव में ईवीएम मशीन से होने वाली वोटों की बर्बादी को देखते हुए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है। निगम चुनाव ईवीएम से नहीं कराए जाने को लेकर मुहिम चला रहे जिला कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी जावेद खान ने बताया कि भिलाई, चरोदा और बीरगांव निगम चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम से बहुत से वोट निरस्त हुए थे। इसे अंडर वोट कहा गया। सन 2015 के भिलाई निगम चुनाव में कुल 70 वार्डों में 6600 वोट निरस्त हुए। यह बात तब सामने आयी जब भिलाई निगम और दुर्ग निगम के प्रारूप 23 का मिलान किया गया। पाया गया कि दुर्ग निगम में कोई भी वोट निरस्त नहीं हुआ। वहीं दूसरी ओर भिलाई निगम के प्रारूप 23 मे 6,600 अंडर वोट पाए गए। जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के माध्यम से जावेद खान ने मुख्यमंत्री, छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव, छग निर्वाचन आयोग को कुछ दिनों पूर्व अवगत कराया था।
मांग की थी कि स्थानीय निर्वाचन मे उपयोग मे लाई जाने वाली ईवीएम मशीन मे व्याप्त त्रुटि को देखते हुए बैलेट पेपर से निगम चुनाव करवाया जाए। इसी सिलसिले मे आज जब कैबिनेट मंत्री एवं दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर से राजीव भवन रायपुर के नियमित जनदर्शन में मिलकर बात रखी गयी तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय ले लिया कि निगम चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे। गौरतलब है कि पिछले भिलाई के निगम चुनाव में एक पार्षद प्रत्याशी केवल एक वोट से हार गया लेकिन उसके कुल पांच बूथ में 36 अंडर वोट हो गए। जिसके बाद चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाने का निर्णय लिया गया। हालांकि बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाने का भी विरोध हुआ था लेकिन इसके बाद भी चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे। कांग्रेस के नेता अपनी मांग मान लिए जाने से प्रसन्न हैं।