जानकार सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थानांतरण की जो समय सीमा रखी गई थी जिसके तहत स्थानांतरण किया जाना था। उस समय सीमा की अवधि समाप्त हो जाने के बावजूद आज भी स्थानांतरण किये जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक-एक कर्मचारी का तीन-तीन, चार-चार जगह स्थानांतरण किया गया है। अनुमान लगाया जाता है कि जिनसे-जिनसे पैसा नहीं मिला है उनका स्थानांतरण नहीं किया गया और जिनसे पैसा मिल गया है उसका स्थानांतरण कर दिया गया है। इसमें भेदभाव की स्थिति पैदा होती नजर आ रही है। इससे यह साबित होता है कि स्थानांतरण को उद्योग बना दिया गया है। भारत सरकार इसको संज्ञान में ले जिससे शासन द्वारा यह व्यापार ना बनता जाए।