जिला कोरिया.. विकास खण्ड जनकपुर के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की अधिक्षिका का विद्यालय के लिए अपना पूरा जीवन समर्पण है। उन्होने विद्यालय के बच्चों को अपने बच्चों से भी ज्यादा स्नेह दिया है। यह सारी बातें केवल सुनी या कही हुई नहीं है। यह सब आखों सेे देखा हुआ है। यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वहां समय-समय पर खाना, नास्ता, चाय व पानी सब चल रहा है। अगर कोई बच्चा बिमार पड़ जाता है तो अधिक्षिका अपने स्वयं के वाहन से उस बच्चे को ब्लाॅक स्तर तथा जिला स्तर तक इलाज कराने में नहीं चूकती हैं। खाने-पीने की चीजेें खरीदने के लिए बच्चे विद्यालय से बाहर ना जाएं पूरी सामग्री बच्चों को वहीं से मिल जाए, इन सभी का इंतजाम उनके द्वारा विद्यालय में ही किया गया है। उस पैसे से जो भी इनकम आती है, उस पैसे से विद्यालय के पीछे जो खुली हुई जगह थी उसमें दिवार खड़ी कर दी गई है। जिससे जंगली भालुओं का खतरा बच्चों पर ना रहें। कोरिया जिले में एक ही मिसाल है जो वहां देखने को मिली है। शासन द्वारा जो बिल्डिंग बनाई गयी थी उसके बनने में अभी केवल 3 साल ही हुए हैं। उसमें जगह-जगह पर दरार पड़ चुकी हैं। और जो पुरानी बिल्डिंग थी वह जरजर हालत में है जो कभी भी गिर सकती है। जिससे बच्चों पर खतरा बना हुआ है। और विद्यालय तक जाने के लिए रास्ता भी नहीं है।