जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश में नई पीढ़ी के पत्रकार जिनकी उम्र 18 से 25, व 30 के लगभग है वे लोग अपनी गाड़ियों पर ‘प्रेस’ लिखकर घूम रहे हैं। ऐसे लोग हर ब्लाॅक में देखने को मिल सकते हैं। अफीम, चरस, गांजा, दारू, रेतखनन इन सभी को लेकर उनके तार पुलिस विभाग से जुड़े हुए हैं। उनके द्वारा चैकी व थाना प्रभारी के आरक्षकों से ऐसे संबंध हैं कि जब भी उनको कोई फोन करें तो वे तुरंत घटना स्थल पर हाजिर हो जाते हैं। वहीं सब मिलकर पैसे लेकर आपस में बंदरबांट कर लेते हैं। इसमें पुलिस महकमे के कर्मचारी व छुटवहिया पत्रकार भी बड़े खुश हो जाते हैं। और जो समय उनके पास बचता है उसमें सूचना के अधिकार में वे उनसे जानकारी मांगते हैं। छुटवहिया इसी प्रकार हजारों की कमाई कर लेते हैं। और शाम को शराब पीकर नशे में धुंध रहते हैं। और कहते हैं कि इससे अच्छा व्यापार और कोई नहीं है। म.प्र. के मुख्यमंत्री ने भी पत्रकारों को बढ़ा-चढ़ा दिया है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में यह उल्लेख किया है कि यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी या असमाजिक तत्व पत्रकारों को धमकी देंगे तो 24 घंटों के अंदर उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। जिसमें फर्जी पत्रकार बड़े खुश होकर अपना व्यापार चला रहे हैं। प्रशासन फर्जी पत्रकारों ही से खुश नजर आते हैं। और सही पत्रकारों नाखुश रहते हैं। इसी कारण उनका प्रशासन से टकराव होता है।