जिला कोरिया बैकुण्ठपुर के राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता जो कि अपने वाणी के धनि माने जाते हैं। अपने वार्ड से कई बार जीतने वाले पार्सद और स्वर्गीय डाॅक्टर राम चंद्र सिंह जी के अनुयायी रह चुके हैं। जिस व्यक्ति की स्वर्गीय कोरिया कुमार से इतनी नजदीकी होते हुए भी उस व्यक्ति ने उनसे कोई स्वार्थ नहीं रखा। जब भी एकता मंच से जमीन घोटाले पर आवाज उठाने वाले एक नगर पालिका के प्रतिपक्ष नेता के नाम से जाने, जाने वाले जो कि मंच से दहाड़ने वाले नेता उसके प्रति आरोप लगाने एवं नोटिस देने वाले को सोचना चाहिए कि जब कोई भी व्यक्ति कुत्ते बिंल्लियों की आवाज निकाल सकते हैं। तो ये फर्जी विडियो बनाने में कैसे माहिर नहीं हो सकतेे। जबकि संजय जायसवाल ने इस बात को कुबूल किया है कि विडियो मेरी आवाज में नहीं है। और उनके ऊपर कुछ कांग्रेसियों द्वारा जो कि भ्रष्ट व चोर की प्रवृत्ति के हैं। वे लोग आरोप-प्रत्यारोप लगाने में माहिर हैं। कुछ झुटवहिये जिनको कांग्रेस में संजय जायसवाल के रहने से नुकसान हो रहा है वे लोग तोड़-फोड़ की राजनीति में लगे हुए हैं। नोटिस देने वाले प्रभारी अध्यक्ष को ऐसे लोग ही पसंद है जो उनकी चापलूसी कर सकें। संजय जायसवाल सच्चे दिल के व्यक्ति हंै। और वे किसी भी बात की परवाह नहीं करते। कोई पार्टी में रहे या ना रहे यह उनका स्वयं का नेतृत्व है। उनके ऊपर किसी भी प्रकार का दाग नहीं लगा है। पर कांगे्रस में ऐसे लोगों की बकत है जो कि विधायक व मंत्री के नाम से अवैध वसूली एवं किसी ठेकेदारी में फर्जी बिल पास कराना, किसी से मार-धाड़ करना व किसी को लूटना ऐसे लोंगों पर अध्यक्ष का लगाव है। इसी लिए कहा जाता कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जिसका समाज में सम्मान ना हो उसकी कहीं भी इज्जत कैसे हो सकती है। वह व्यक्ति अपने निवास पर प्रेसवार्ता बुलाकर लोगों को चाय, नास्ता के लालच में बेफिजुल की अफवायें या षडयंत्र बनाने में माहिर हैं। जैसे नोटिस का मतलब जब किसी संगठन के हनन या उसके विरोध में कोई बयान देना पार्टी विरोधी गतिविधियां होती हैं। ऐसे फर्जी विडियो को न्यायालय भी खारिज कर देती है। इस नोटिस को लेकर लोगों में चर्चा है कि नोटिस देने वाले व्यक्ति के द्वारा यह थोड़ा सा भी चिंतन नहीं किया गया कि पार्टी विरोधी कोई स्टेटमेंट नहीं दिया गया है इसलिए लोगों में चर्चा है कि नोटिस देने वाला व्यक्ति बीजेपी से तालमेल रखता होगा। इसके साथ नोटिस भी संलंग्न है।