’चंदहा..’ यूँ तो इस पंचायत में एक से एक कारनामे हुये हैं जैसे एक ही काम को नाम बदलकर दो बार करा देना 14वें वित्त तथा मनरेगा से शौचालय निर्माण नाली निर्माण आदि पर इन सब में एक बात समान है कि इन सब कारनामों में गुप्ता ट्रैक्टर्स का बड़ा हाथ रहा है इनके द्वारा दोनों हाथों से पंचायत को लूटा गया है और इन सब मे पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं तकनीकी सहायक श्री नरेन्द्र कश्यप का बड़ा योगदान रहा है तभी तो गुप्ता ट्रैक्टर्स के पास न तो रोड रोलर है न ही किसी मुरुम खदान की लीज है लीज तो छोड़िए चंदहा में मुरुम ही नहीं है फिर भी अधिकारियों की मेहरबानी से इनके लाखों के बिल चुटकियों में पास हो गये जाहिर है भाई साहब मोटा कमीशन देते हैं तभी तो पुरानी बाईक में चलने वाला सचिव आज नई चमचमाती कार में घूम रहे हैं और कोई जानकारी मांगने पर दबंगों की तरह जवाब देते हैं। ’और कोई काम देखो नहीं तो पछताना पड़ेगा’ और सरपंच तो सोनहत तक ठेकेदारी करने की बात करता है।और ये सब इसलिये है क्योंकि इन तथाकथित ठेकेदारों ने पूरा सिस्टम खोखला कर रखा है अब खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि विकास जनता का हो रहा है या इन भ्रश्टाचारियों का।
’सोनहत..’ग्राम पंचायत चंदहा बंशीपुर तथा जल संसाधन विभाग की मेहरबानी से गुप्ता ट्रेक्टर का मालिक महज़ कुछ ही सालों में करोड़ों का आसामी बन गया हैरानी की बात तो यह है कि इनको करोड़पति बनाने में अधिकारियों कर्मचारियों ने भी पूरी तन्मयता से अपनी जिम्मेदारी निभाई तभी तो मालिक के पास आधे से ज्यादा निर्माण सामग्री नहीं होने के बाद भी थोक में इनके बिल पास हुए हैं मसलन रेत मुरुम जंगल की गिट्टी का कोई रॉयल्टी पीट पास न होने के बाद भी लाखों रुपए पास किये गए और तो और यहां के तकनीकी सहायक तो और चार क़दम आगे हैं इनके द्वारा पुराने कुओं को नया बना कर पूर्व निर्मित सड़कों का नाम बदलकर सीधे तौर पर गुप्ता जी को फायदा पहुंचाया गया जाहिर है इसमें कश्यप जी का मोटा कमीशन है।ताज्जुब की बात है कि पिछली सरकार के समय तो गुप्ता जी ने मोटी कमाई की ही वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भी इनके लगभग अस्सी से नब्बे लाख के बिल लगे हैं यहां ये कहावत एकदम फिट बैठती है कि
पांचों उंगलियां घी में और सर कड़ाही में