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पुलिस से डर कर रहो, वरना ये गलत इल्जाम के जरिये भेजवा सकते है आपके घर मे नोटिस…….

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सूरजपुर. ऐसा कोई भी दिन नही जा रहा जिसमें किसी पुलिस के विवादों में रहने की खबर नही आई हो। आजकल पुलिस वर्दी का उपयोग लोगों की रक्षा करने के लिए नही बल्कि अपना जेब भरने और उसका गलत इस्तेमाल करने के लिए करते हैं। ऐसी ही एक खबर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से आई है जहां की विवादों में रहने वाली पुलिस के एक से एक कारनामे सामने आते रहते हैं। कभी इनके द्वारा किसी को बेरहमी से पिटा जाता है तो कभी किसी महिला को रात्रि में गलत नियत से बुलाया जाता है। तो वहीं एक पुलिस आरक्षक एक महिला को घर मे अकेले देख दुष्कर्म करता हैं।  दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए दुसरे थाने से आते हैं। ऐसे ना जाने पुलिस के कितने घिनौने करतूत फाइलों में दफन हैं। और इनको बचाने के लिए पुलिस के उच्च अधिकारी लगे रहते हैं। ऐसे में पुलिस के काले करतूतों को समाचार के माध्यम से उजागर करने वाले पत्रकारों को गीदड़ भपकी दी जाती है अपने मैसेजर के माध्यम से, जब इससे भी ना डरो तो 18 पॉइंट का एक लेटर एडवोकेट के माध्यम से दिया जाता है और समाचार गलत होने की बात कही जाती है। दरअसल पूरा मामला सूरजपुर जिले के पुलिस कप्तान के चहेते दत्तक पुत्र कपिल देव पाण्डे सब (इंस्पेक्टर) का है। वर्तमान में विश्रामपुर थाना प्रभारी श्री पांडे क्राइम ब्रांच में लम्बे अरसे थे यहां इन्होंने कई मामलों में रिश्वत ली थीं, चाहे वह कोयला का गाड़ी छोड़ना हो या रात्रि कोयला की गाड़ी अपने संरक्षण में चलवाना, तो वहीं नशीली दवाई का जखीरा पकड़ कर छोड़ने, अवैध कबाड़ का गाड़ी पार करवाने जैसे ना जाने कितने मामले को रफा दफा करने का आरोप इनपर लगा हुआ हैं। जिसके बाद भी पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा श्री पांडे को विश्रामपुर कोल माइंस क्षेत्र में स्थित थाना का प्रभारी बनाया दिया गया। जहां श्री पांडे कोयला की अवैध तस्करी करवाते है तो वही कबाड़ व्यपारियों से साठ गाठ अपना कर अवैध कबाड़ का कारोबार करवा रहे हैं। यहां तक विश्रामपुर थाना क्षेत्र नशीली दवाई का व्यापार बड़े पैमाने पर खुले आम संचालन किया जा रहा हैं। इन पर भी पुलिस की मेहरबानी बनी हुई हैं। विश्रामपुर थाना प्रभारी कपिल देव पांडे महोदय के थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध कारोबार की समाचार लगाने पर वकील के माध्यम से नोटिस भेज कर 499-500 ipc के तहत मानहानि करने व 1लाख रुपये पैसे देने की बात लिखित आवेदन में कही गई है। साथ ही समाचार के माध्यम से खण्डन करने की बात कही हैं। हमारी टीम ने नोटिस मीले पत्रकारों से बात की जिस पर पत्रकरो ने कहा कि ये हमारे कलम को रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम इनसे नही डरते हैं।

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