वशिष्ठ टाइम्स। वन परिक्षेत्र देवगढ़ में एक और तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, जानकारी के अनुसार परिक्षेत्र के सर्किल कैलाशपुर के बीट सोनारी के कक्ष क्रमांक 364 में पुर्व निर्मित तालाब में विभाग द्वारा ’श्रब्ठ’ लगा कर आनन फानन में खुदवा कर राशि आहरण कर लिया।आश्चर्य की बात यह है कि कार्यस्थल पर न तो निर्माण से संबंधित बोर्ड लगा है और न ही कोई भी विभागीय कर्मचारी कार्य की लागत बता रहा है, क्योंकि बोर्ड लगाने से ग्रामीणों को पता चल जाता कि नवीन तालाब का निर्माण हो रहा है तो निश्चित ही इसका विरोध होता कि पूर्व निर्मित तालाब पर नया तालाब कैसे खोदवाया जा रहा है इसी लिए बताया गया कि मरम्मती करण हो रहा है, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि कार्य की लागत लगभग 13से14लाख है। इसी तरह इनके द्वारा और भी कई फर्जी निर्माण कार्य कर लाखों रुपए का बंदरबांट किया है, और इसमें वनमंडल के ही एक रेंजर का नाम सामने आ रहा है जिनके द्वारा आला अधिकारियों से सेटिंग कर फर्जी निविदा निकाल कर किसी राजस्थानी भंवर नाम के आदमी की मशीनें लगा कर और भी कई फर्जीवाड़ों को अंजाम दिया है, अगर जांच की जाय तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।